आप सभी को बता दें कि दिवाली महापर्व के रूप में मनाया जाता हैं और यह पर्व सभी के लिए बहुत ख़ास होता हैं. ऐसे में दिवाली का त्यौहार इस बार 7 नवम्बर को आने वाला हैं. ऐसे में कहा जाता हैं इस दिन मां काली का भी पूजन किया जाता है. कहते हैं काली पूजा, महानिशा पूजा अथवा श्यामा पूजा पूर्वी भारत, मुख्यतः बंगाल, में प्रचलित हिंदू पर्व है और काली को समर्पित यह पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को ही मनाया जाता है, अर्थात उसी दिन जिस दिन पूरे भारत में दीपावली का पर्व और लक्ष्मी पूजा मनायी जाती है. इसी के साथ यह मान्यता भी है कि इसी दिन देवी काली 64000 योगिनियों के साथ प्रकट हुई थीं इस वजह से उनकी पूजा इस दिन की जाती हैं. आइए जानते हैं महाकाली की पूजन विधि आैर मंत्र.. दिवाली के दिन सबसे पहले गणपति का ध्यान करते हुए समस्त देवी-देवताओं को नमस्कार करें और उसके बाद नीचे दिए मंत्रों के साथ काली मां की पूजा करें. 1. श्री मन्महागणाधिपतये नम:। 2. लक्ष्मीनारायणाभ्यां नम:। 3. उमामहेश्वरा्भ्यां नम:। 4. वाणीहिरण्यगर्भाभ्यां नम:। 5. शचीपुरन्दराभ्यां नम:। 6. मातृपितृ चरणकमलेभ्यो नम:। 7. इष्टदेवताभ्यो नम:। 8. कुलदेवताभ्यो नम:। 9. ग्रामदेवताभ्यो नम:। 10.वास्तुदेवताभ्यो नम:। 11. स्थानदेवताभ्यो नम:। 12. सर्वेभ्यो देवेभ्यो नम:। 13. सर्वेभ्यो ब्राह्यणेभ्यो नम:। इस के बाद ही ऊं भूर्भुव स्व:, तत् सवितुर्वरेण्यम्, भर्गो देवस्य धीमहि, धियो यो न: प्रचोयदयात्।। का भी उच्चारण करें और फिर पुष्प अर्पण करें और इन मंत्रों का उच्चारण करें. 1. ऊं गं गणपतये नम:। 2. आदित्यादिनवग्रहेभ्यो नम:। 3. ऊं शिवादिपंचदेवताभ्यो नम:। 4. ऊं इन्द्रादिदशदिक्पालेभ्यो नम:। 5. ऊं मत्स्यादिदशावतारेभ्यो नम:। 6. ऊं प्रजापतये नम:। 7. ऊं नमो नारायणाय नम:। 8. ऊं सर्वेभ्यो देवेभ्यो नम:। 9. श्री गुरुवे नम:। 10. ऊं ब्रह्माणेभ्यो नम:। अब आखिरी में आचमन करते समय निम्न मंत्रों का उच्चारण करें. 1. ऊं केशवाय नम:। 2. ऊं माधवाय नम:। 3. ऊं गोविन्दाय नम:। 4. ऊं विष्णु: विष्णु: विष्णु;। 5. ऊं ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके नम:। दिवाली पर अपनों को दें यह ख़ास तोहफे, रिश्तों में आएगी मिठास पान के पत्ते से कर ले यह उपाय, बरसने लगेगा खूब पैसा दिवाली पर दिख जाए छिपकली तो जरूर करें यह काम, अपने आप होने लगेगा धनलाभ