आज पूरा देश दिवाली का त्योहार मना रहा है। सब लोग अपने अपने ढंग से अपने घर को सजा रहा हैं। कोई फूल-पत्तियों से कोई रंगोली बनाकर, पर क्या आप जानते हैं कि अगर वास्तु नियमों के मुताबिक, रंगोली दिशाओं तथा रंगों को ध्यान में रखकर बनाई जाए तो यह हमारे जीवन में खुशियां, समृद्धि तथा उपलब्धियां लेकर आती है तथा माहौल को खुशनुमा बनाती है। रंगोली बनाने से आस-पास की नेगेटिव ऊर्जा खत्म होती है और वहां पॉसिटिव ऊर्जा का संचार होता है। घर पर देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है। यही वजह है कि हमारी भारतीय संस्कृति में शुभ मौको पर विभिन्न रंगों के जरिये रंगोली बनाने का प्रचलन सदैव से ही चला आ रहा है। शुभता का प्रतीक समझी जाने वाली रंगोली आटा, चावल, हल्दी, कुमकुम, फूल-पत्तियों अथवा अनेक तरह के रंगों से अलग-अलग डिजाइन में बनाई जाती है। ऐसे बनाएं रंगोली: पूर्वमुखी घर के मुख्यद्वार पर रंगोली बना रही है तो घर में सौहार्दपूर्ण वातावरण के विकास और मान-सम्मान में बढ़ोतरी के लिए यहां अंडाकार डिजाइन में रंगोली बनाएं। पूर्व दिशा में अंडाकार डिजाइन जिंदगी में विकास के नए रास्तों को प्रशस्त करता है। इस दिशा में रंगोली बनाने के लिए सात्विक तथा ऊर्जा प्रदान करने वाले रंग जैसे लाल,पीला,हरा,गुलाबी,नारंगी आदि का उपयोग समृद्धि को बढ़ाता है। उत्तर मुखी घर के लिए उत्तर दिशा में लहरदार अथवा जल के गुण से मिलता-जुलता डिजाइन बनाकर आप अपनी जिंदगी में स्पष्टता तथा उन्नति के नए मौको को आमंत्रित कर सकते हैं। पीले,हरे,आसमानी तथा नीले रंगों का इस्तेमाल इस दिशा की रंगोली के लिए करना काफी शुभ माना गया है। दक्षिण-पूर्व में त्रिकोण और दक्षिण मुखी घर में सुन्दर आयताकार पैटर्न की रंगोली बनाना आपके लिए फलदायी साबित होगा। इस दिशा की रंगोली में रंग भरने के लिए आप गहरा लाल,नारंगी,गुलाबी और बैंगनी रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह से बनाई हुई रंगोली आपके जीवन में सुरक्षा,यश तथा आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी। अगर आपका घर पश्चिम मुखी है तो सुनहरे एवं सफ़ेद रंगों के उपयोग के साथ गोलाकार रंगोली बनाएं। सफेद तथा सुनहरे रंगों के साथ लाल, पीला, भूरा, हल्का हरा जैसे रंगों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। यहाँ पर पंचकोण आकार लिए हुए भी रंगोली बनाई जा सकती है। सबरीमाला तीर्थयात्रियों को तमिलनाडु सरकार ने दिया ये निर्देश जानिए किस दिन की जाती है यमराज की पूजा जानिए हिन्दू धर्म में गाय का महत्त्व