इन दिनों सभी लोग दिवाली के त्यौहार के आने का इंतज़ार कर रहे हैं. ऐसे में दीपावली का त्यौहार धनतेरस से शुरू होकर भाईदूज पर खत्म हो जाता है. कहा जाता है इस दिन सभी लोग अपने घर में माता लक्ष्मी के आगमन की तैयारियां करते हैं और साथ ही इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है. ऐसे में इस बार 7 नवंबर को लक्ष्मी पूजन के दो शुभ मुहूर्त बताए जा रहे हैं लेकिन अगर आप उलझन में है तो न रहें और यहां जाने शुभ मुहूर्त. ज्योतिषों के अनुसार देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, मां काली और कुबेर की भी विधिपूर्वक पूजा करनी ही चाहिए और अमावस्या की इस रात्रि में तांत्रिक अनुष्ठान किए जाते हैं जिन्हे आप सभी जानते ही होंगे. इसी के साथ अर्धरात्रि के बाद , महानिशीथ काल और सिंह लग्न में ये पूजा करना चाहिए क्योंकि इससे घर में धन की कमी दूर होती है. सभी के लिए महालक्ष्मी पूजन का मुहूर्त - सायं 5 बजकर20 मिनिट से 8 बजकर 20 मिनट तक. व्यापारी वर्ग के लिए बहीखाता पूजन- सायं 5 बजकर50 मिनट से 7 बजकर 50 मिनट तक. साधको के लिए महानिशीथ काल - रात 11 बजकर 15 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक. आप सभी को बता दें कि इस दिन प्रदोष काल सात नवंबर को 17:27 से 20:06 तक रहेगा और इस दिन इस समय पूजा करने से शुभ लाभ होगा. कहा जा रहा है दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, गंगाजल, फल, फूल, मिठाई, दूब, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का और दिए समान जरूर रखें तभी लाभ होगा. लक्ष्मी पूजन के समय पूजा घर में लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्तियों को रखनी चाहिए और एक चौकी पर स्वस्तिक बनाकर मूर्ति स्थापित करना चाहिए वहीं एक जल से भरा कलश रख दें और इसके बाद चौकी, कलश, दूर्वा, चंदन, घी,फल, फूल, मिठाई, मेवे, खील, बताशे, फूलों की माला आदि सामग्रियों से विधि पिधान से माता का पूजन करना चाहिए. धनतेरस पर जरूर गाये यह आरती, होगा बहुत लाभ धनतेरस पर इन चार जगहों पर जरूर जलाएं दीपक, मालामाल हो जाएंगे आप धनतेरस पर राशिनुसार खरीदें सोना वरना होगा घातक परिणाम