चेन्नई: तमिल नाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुन्नेत्र कडघम (डीएमके) के अध्यक्ष एम् करूणानिधि के निधन के बाद से ही डीएमके के नए अध्यक्ष के लिए संशय का माहौल बना हुआ है, हालाँकि करूणानिधि ने अपने देहांत से पहले अपने पुत्र एम् के स्टालिन को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था, जबकि करूणानिधि के दूसरे पुत्र एम् के अलागिरी को पहले ही पार्टी से बाहर कर दिया गया था, लेकिन अब करूणानिधि के निधन के बाद डीएमके के अध्यक्ष पद के इन दोनों के बीच रस्साकशी का माहौल बना हुआ है. तमिलनाडु है केरल में आई त्रासदी का जिम्मेदार!! गौरतलब है कि अलागिरी ने 5 सितम्बर को चेन्नई में रैली निकलने की घोषणा की है, अलागिरी ने ये भी कहा था कि मेरी इस रैली एक बाद डीएमके को खतरे का सामना करना पड़ेगा. आज जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि "आप पहले ही पार्टी से निष्काषित थे, लेकिन आज तक पार्टी में आपके द्वारा कोई विवाद उत्पन्न नहीं किया गया पर अब क्यों ?" इस पर जवाब देते हुए अलागिरी ने कहा है कि "पहले कलैग्नार (करूणानिधि) अध्यक्ष थे तो कोई समस्या नहीं थी, लेकिन अब हमे डीएमके पार्टी को बचाना होगा और इसके लिए हमे पार्टी में शामिल होना होगा." रजनीकांत के निशाने पर आए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री अलागिरी ने आगे कहा कि "अगर कोई भी हमे पार्टी में शामिल होने से रोकता है तो उन्हें परिणाम भुगतने पड़ेंगे " आपको बता दें कि रविवार को स्टालिन ने डीएमके अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है, जिसके बाद से अलागिरी के तेवर बदले हुए है, स्टालिन द्वारा नामांकन दाखिल करने पर भी उन्होंने बगावती तेवर दिखाते हुए कहा था कि 'मैं क्या करूं? आप चाहते हैं कि मैं जाऊं और उनका नाम प्रस्तावित करूं? उपचुनाव की घोषणा के बाद हम देखेंगे कि हमें क्या करना है.' खबरें और भी:- करूणानिधि के निधन के बाद सत्ता को लेकर दोनों बेटे आमने-सामने कौन होगा करूणानिधि का उत्तराधिकारी, 14 अगस्त को डीएमके करेगा बैठक राफेल डील : अम्बानी ने ठोका 5000 करोड़ का मानहानि मुक़दमा