आज देशभर में दशहरा मनाया जा रहा है दशहरा आश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस त्यौहार को असत्य पर सत्य की विजय के तौर पर मनाया जाता है। इसीलिए इस दशमी को 'विजया दशमी' के नाम से जाना जाता है। इस साल विजयादशमी पर्व 5 अक्टूबर (बुधवार) को मनाया जाएगा। विजयादशमी वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है, अन्य दो चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि हैं। विजयादशमी एक अबूझ मुहूर्त है यानि इसमें बिना मुहूर्त देखे शुभ कार्य किए जा सकते हैं। दशहरे के दिन शस्त्र पूजा की भी मान्यता है। कहा जाता है कि इस दिन जो कार्य शुरू किया जाता है, उसमें विजय प्राप्त होती है। धार्मिक संस्थान 'विष्णुलोक' के ज्योतिषविद् पंडित ललित शर्मा ने बताया कि दशहरा पर्व दस तरह के पाप- काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सप्रेरणा प्रदान करता है। दशहरे के दिन प्रभु श्रीराम का विधिवत् पूजन करना चाहिए। पंडित ललित शर्मा ने बताया कि दशमी तिथि 4 अक्टूबर दोपहर 2.20 बजे से 5 अक्टूबर दोपहर 12 बजे तक रहेगी। श्रवण नक्षत्र 4 अक्टूबर को रात्रि 10.51 बजे से 5 अक्टूबर को रात्रि 9.15 बजे तक रहेगा। विजयादशमी पूजन का शुभ मुहूर्त प्रातः 7.44 बजे से प्रातः 9.13 बजे तक, तत्पश्चात, प्रात: 10. 41 बजे से दोपहर 2.09 बजे तक रहेगा। इसमें भी विजय मुहूर्त दोपहर 2.07 बजे से दोपहर 2.54 बजे तक रहेगा। हालांकि राहु काल दोपहर 12 बजे से 1.30 बजे तक रहेगा। राहु काल में किए गए कार्यों का शुभ फल नहीं मिलता, अतः राहुकाल में शुभकार्य नहीं करने चाहिए। इस मंत्र का करें जाप:- ॐ दशरथाय विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात् किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण थाना प्रभारी पर लगा अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप, महिला आयोग पहुंची शिकायतकर्ता रेलवे का बड़ा तोहफा, दिवाली-छठ के लिए चलाएगा पूजा स्पेशल ट्रैन मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अन्तर्गत कल से शुरू होगी पांच दिवसीय तिरूपति यात्रा