'जब तक आखिरी यहूदी जिन्दा है, तब तक जिहाद करो..', जाकिर नाइक ने उगला जहर

इस्लामाबाद: भारत से भागकर मलेशिया में शरण लेने वाले कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने हाल ही में पाकिस्तान पहुंचने पर नफरती बयानबाजी शुरू कर दी है। पाकिस्तान में धार्मिक मामलों के एक कार्यक्रम में शामिल होकर, नाइक ने यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद को इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल बताते हुए मुसलमानों को जिहाद के लिए प्रेरित किया। उसने इजरायल के खिलाफ जिहाद का आह्वान करते हुए कहा कि जब तक अंतिम यहूदी को मार हीं दिया जाता, तब तक यह जिहाद जारी रहना चाहिए।

अपने नफरती भाषण के दौरान, नाइक ने गाजा के मुसलमानों द्वारा किए जा रहे प्रयासों का समर्थन किया और कहा कि वे अल-अक्सा मस्जिद की रक्षा कर रहे हैं, जिसे वह मुसलमानों का एक धार्मिक कर्तव्य मानता है। नाइक ने जोर देकर कहा कि गाजा के मुसलमान जिहाद में संलग्न होकर इस्लाम के सम्मान की रक्षा कर रहे हैं, और यदि वे यह नहीं करेंगे, तो यह बाकी सभी मुसलमानों की जिम्मेदारी बन जाएगी। नाइक ने इस्लामिक विद्वान तकी उस्मानी द्वारा जारी एक फतवे का भी समर्थन किया, जिसमें इजरायल के खिलाफ जारी लड़ाई का समर्थन किया गया था। उसने इस बात पर बल दिया कि यह जिहाद तब तक जारी रहना चाहिए, जब तक इजरायल से अंतिम यहूदी को मार नहीं दिया जाता। नाइक का यह बयान इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष के बीच आया है, और इससे उसने अपने समर्थकों को इस संघर्ष में भाग लेने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये है कि इजराइल-फिलिस्तीन के बीच हो रही जंग जमीनी विवाद से कहीं ज्यादा है। मुस्लिमों की पवित्र किताब अल बुखारी में साफ़ लिखा है कि क़यामत तब तक नहीं आएगी, जब तक आखिरी यहूदी को मुसलमान मार नहीं डालते। पैगंबर मोहम्मद के जन्म से पहले मक्का-मदीना में भी कई यहूदी रहते थे, लेकिन उन्हें मार-मारकर वहां से भगा दिया गया। अब मुस्लिम यहूदियों से इतनी नफरत क्यों करते हैं? ये कोई इस्लामी विद्वान ही बता सकता है। जाकिर नाइक भी यहूदियों के खिलाफ वही जहर उगल रहा है। अब उस किताब को लिखने के समय तो, इजराइल-फिलिस्तीन का कोई विवाद नहीं था, फिर भी मुसलमानों को यहूदियों की हत्या का हुक्म है। जिसे अब कट्टरपंथी जमीनी विवाद की आड़ में पूरा कर रहे हैं।    

जाकिर नाइक सोमवार को एक महीने के दौरे पर पाकिस्तान पहुंचा, जहां उसका स्वागत धार्मिक मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सहयोगी राणा मशहूद ने किया। नाइक इस दौरान पाकिस्तान के प्रमुख शहरों इस्लामाबाद, कराची और लाहौर में लेक्चर देगा। पाकिस्तान में नाइक का यह दौरा लगभग तीन दशक बाद हुआ है। इससे पहले वह 1992 में पाकिस्तान गया था, जब उसने लाहौर में प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान डॉ. इसरार अहमद से मुलाकात की थी। यह यात्रा पाकिस्तान सरकार के निमंत्रण पर हो रही है, और इसे लेकर वहां के धार्मिक और राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चाएं तेज हैं। नाइक वर्तमान में भारत में वांछित है, जहां उस पर भड़काऊ भाषण देने और नफरत फैलाने के आरोप हैं। भारत ने मलेशिया से उसे प्रत्यर्पित करने का अनुरोध भी किया है, लेकिन अभी तक वह मलेशिया में शरण लिए हुए है।

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