क्या शादी के बाद आदमी हो जाते हैं और जवान? स्टडी में हुआ चौंकाने वाला-खुलासा

क्या शादी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है? यह सवाल हाल ही में इंटरनेशनल सोशल वर्क जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन द्वारा उठाया गया है। इस शोध में बताया गया है कि शादीशुदा पुरुषों की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया अविवाहित पुरुषों के मुकाबले धीमी होती है, जबकि महिलाओं पर इसका असर अलग तरीके से देखने को मिला। यह अध्ययन एक नए दृष्टिकोण से यह समझने का प्रयास करता है कि जीवनसाथी का संबंध और शादी का स्थायित्व व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सेहत पर किस प्रकार प्रभाव डालता है।

अध्ययन का तरीका शोधकर्ताओं ने 45 से 85 साल के बीच के 20,000 से अधिक वयस्कों पर 20 वर्षों तक अध्ययन किया। इस अध्ययन का उद्देश्य यह समझना था कि शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक संबंधों एवं आत्म-धारणा के संदर्भ में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया पर शादी का क्या असर पड़ता है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने विभिन्न आयु समूहों में सम्मिलित लोगों के जीवनशैली, सामाजिक रिश्तों, मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक फिटनेस को विस्तार से जांचा।

पुरुषों पर शादी का प्रभाव अध्ययन के परिणामों के मुताबिक, शादीशुदा पुरुषों की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया उन पुरुषों के मुकाबले धीमी होती है जो अविवाहित रहते हैं। शादीशुदा पुरुष अधिक फिट, अनुशासित और सेहतमंद नजर आते हैं तथा उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। यह निष्कर्ष इस तथ्य से जुड़ा हुआ है कि शादी एक स्थिर जीवनसाथी के साथ लंबी अवधि तक संबंध बनाए रखने की जिम्मेदारी लाती है, जो पुरुषों को अधिक स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।

शादी पुरुषों के जीवन में अनुशासन एवं जिम्मेदारी का अहसास कराती है, जो उन्हें अपनी सेहत और भलाई के प्रति अधिक सजग बनाता है। इस अनुशासन की वजह से पुरुष अपनी दिनचर्या में सुधार करते हैं, जैसे कि स्वस्थ आहार लेना, नियमित रूप से व्यायाम करना, और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना। इससे उनके शरीर की कोशिकाओं पर भी सकारात्मक असर पड़ता है तथा उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है।

महिलाओं पर शादी का प्रभाव महिलाओं पर शादी का प्रभाव पुरुषों से अलग तरीके से देखा गया। हालांकि, इस अध्ययन ने महिलाओं पर शादी के प्रभाव को पूरी तरह से अलग तरीके से परखा, किन्तु यह स्पष्ट था कि महिलाओं के लिए शादी के सकारात्मक तथा नकारात्मक प्रभाव दोनों हो सकते हैं। शोध में यह पाया गया कि महिलाओं के जीवन में शादी का प्रभाव पुरुषों के मुकाबले कम प्रत्यक्ष होता है, मगर सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर इसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।

मानसिक स्वास्थ्य और डिप्रेशन अध्ययन में यह भी पाया गया कि अविवाहित लोग शादीशुदा लोगों के मुकाबले मानसिक स्वास्थ्य के मामले में अधिक समस्याओं का सामना करते हैं। नेचर ह्यूमन बिहेवियर में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन ने यह खुलासा किया कि अविवाहित लोग शादीशुदा लोगों के मुकाबले 79% अधिक डिप्रेशन का सामना करते हैं। इसके अलावा, तलाकशुदा लोग 99% अधिक डिप्रेशन का शिकार होते हैं।

यह अध्ययन इस बात को उजागर करता है कि जीवन में रिश्तों का स्थिरता एवं समर्थन शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है तथा इस प्रक्रिया को समझने से हम अपनी सेहत एवं जीवनशैली में सुधार कर सकते हैं।

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