हनुमान जयंती कहकर न करें रामभक्त का अपमान, अजर-अमर हैं बजरंगबली

हर साल मनाई जाने वाली हनुमान जयंती इस साल 16 अप्रैल को मनाई जाने वाली है। हालाँकि इसे हनुमान भक्‍तों के द्वारा हनुमान जन्‍मोत्‍सव कहा जाता है जिसका भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है। जी दरअसल हर साल चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि पर संकटमोचक हनुमान का जन्‍मोत्‍सव मनाया जाता है। ऐसे में इस साल यह तिथि 16 अप्रैल 2022, शनिवार को पड़ रही है। जी हाँ और इस दिन देश भर के मंदिरों में धूमधाम से हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा। आप सभी को बता दें कि इस दिन बजरंगबली के भक्‍त व्रत रखेंगे, उनकी विधि-विधान से पूजा करेंगे। वहीं हिंदू धर्म में भगवान हनुमान के जन्‍म का यह दिन बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है। हालाँकि हनुमान जयंती मनाने से आप अनजाने में ही लेकिन हनुमान जी का अपमान करेंगे। आइए बताते हैं कैसे?

जयंती नहीं, जन्‍मोत्‍सव है- जी दरअसल कई लोग भगवान हनुमान की जन्‍मतिथि के इस पर्व को हनुमान जयंती कह रहे हैं, हालाँकि ऐसा कहना उचित नहीं है। जी दरसल ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भगवान हनुमान की जन्‍मतिथि के दिन को जन्‍मोत्‍सव कहना चाहिए। इसी के साथ ही जयंती जन्‍मोत्‍सव के फर्क को समझना चाहिए। जी दरअसल, जयंती शब्‍द का इस्‍तेमाल किसी ऐसे व्‍यक्ति के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है, जो अब इस संसार में नहीं है।

लेकिन आप सभी जानते ही होंगे भगवान हनुमान आज भी दुनिया में है। जी हाँ और उनकी जन्‍मतिथि को लेकर बात करें तो इसके लिए जन्‍मोत्‍सव शब्‍द का ही इस्‍तेमाल होना चाहिए क्‍योंकि कलयुग में केवल श्री राम भक्‍त हनुमान जी ही चिंरजीवी हैं। जी दरअसल श्री हनुमान जी अजर-अमर हैं आज भी विद्यमान हैं। इसी के चलते जयंती न कहकर जन्मोत्सव कहे। अब आप अपने शुभकामना संदेशों में भी हनुमान जन्‍मोत्‍सव का ही इस्‍तेमाल करें।

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