आप सभी जानते ही होंगे हर महीने में दो एकादशी होती है। ऐसे में वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 26 अप्रैल को है। जी हाँ और वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। जी हाँ, आप सभी को बता दें कि सनातन धर्म में सभी व्रतों में एकादशी व्रत को श्रेष्ठ बताया गया है और इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। वहीं वरुथिनी एकादशी को कल्याणकारी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि प्रत्येक माह की एकादशी का व्रत नियमपूर्वक करने से सभी पापों का नाश होता है। इसी के साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुखों का आगमन होता है, हालाँकि शास्त्रों में एकादशी व्रत से संबंधित कुछ नियम बताए गए हैं। आज हम आपको इन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं। एकादशी के दिन क्या करें?- * एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा का प्रावधान है। हालाँकि ध्यान रहे विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करें और पूरे दिन ईश्वर का ध्यान करते हुए व्रत करें। इसके साथ ही एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि यानी एकादशी के अगले दिन किया जाता है। * एकादशी का पारण द्वादशी समाप्त होने से पहले करना चाहिए। जी दरअसल हरिवासर में कभी भी एकादशी व्रत का पारण नहीं करना चाहिए और एकादशी के दिन दान-पुण्य करने का भी बहुत महत्व माना गया है, इसलिए एकादशी तिथि को दान करें। * एकादशी तिथि को भगवान विष्णु के तुलसी का भोग अवश्य अर्पित करें। जी दरअसल तुलसी नारायण को अत्यंत प्रिय हैं। इसके अलावा अगर आपने एकादशी व्रत नहीं भी किया है तब भी इस दिन केवल सात्विक चीजों का ही सेवन करें। एकादशी तिथि को क्या न करें?- * एकादशी तिथि को मांस मदिरा और अन्य किसी भी प्रकार की नशीली एवं तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इसी के साथ ही एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित माना गया है। इसके अलावा इस दिन संबंध भी न बनाए। 26 अप्रैल को है वरुथिनी एकादशी, जरूर पढ़े यह कथा 26 अप्रैल को है वरुथिनी एकादशी, इस विधि से करें पूजन एकादशी के दिन करें श्री विष्णु जी के इन मन्त्रों का जाप