दुनियाभर में बहुत से लोग हैं जो धर्म शास्त्रों में यकीन करते हैं ऐसे में उनमे एेसे बहुत सारे काम बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है लेकिन अगर ना अपनाया जाए तो इसके विपरीत बुरा प्रभाव पड़ता है. तो आइए आज हम आपको ऐसे चार काम बताने जा रहे हैं जिन्हे शाम के समय करना धर्म शास्त्रों में वर्जित है. श्लोक - चत्वार‌खिलु कार्याण‌ि संध्याकाले व‌िवर्जयेत्। आहारं मैथुनं न‌िद्रां स्वाध्यायन्च चतुर्थकम्।। इस श्लोक में बताया गया है कि मानव को सूर्यास्त के समय भोजन नहीं करना चाह‌िए क्योंकि इससे अगले जन्म में पशु योनी में जन्म म‌िलता है. वहीं यह भी कहा गया है कि शाम के समय नहीं सोना चाहिए क्योंकि इससे घर में दरिद्रता आती है और देवी लक्ष्मी भी नाराज होती हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि सूर्यास्त द‌िन और रात का संध‌िकाल होता है यह ध्यान और साधना का समय होता है और इस समय स्‍त्री और पुरूष को प्रसंग से बचना चाह‌िए. इसी के साथ इस समय गर्भधारण से उत्पन्न संतान को जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसा भी कहा जाता है कि शाम को वेद और शास्‍त्रों का अध्ययन नहीं करना चाह‌िए क्योंकि इस समय ध्यान और साधना करना सही माना गया है. वहीं शाम के समय क‌िसी को उधार नहीं देना चाह‌िए कहा जाता है कि इस समय किसी को धन देने से लक्ष्मी घर से चली जाती है. महामृत्युंजय मंत्र का इस वक्त करें जाप, होंगे सब काम पूरे प्रकृति इस तरह देती है शुभ और अशुभ संकेत परिवार में होते हैं झगड़े तो ना पहने लाल रंग के कपड़े