हरतालिका तीज का व्रत प्रमुख व्रतों में से एक होता है. जो भी महिलाएं या लड़कियां इस व्रत को रखती है या रखना चाहती है उन्हें इस दौरान बहुत सी बातों पर ध्यान देना चाहिए. कुछ ऐसे काम है, जिन्हें आपको इस दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए. आप इन कामों से जितनी दूरी बनाएंगी आपके लिए उतना बेहतर होगा. हम आपको कुछ ऐसे काम के बारे में बताने जा रहें हैं, जो आपको हरतालिका तीज के दिन नहीं करना चाहिए. आइए जानते है ऐसे ही कुछ कामों के बारे में.. हरतालिका तीज पर न करें ये काम - विशेष रूप से यह व्रत सुहागन महिलाएं रखती है, हालांकि कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को रखती है. सुहागन महिलाए ध्यान रखें कि इस दिन काले-सफेद रंग के वस्त्र गलती से भी न पहनें. - हरतालिका तीज का व्रत निर्जला व्रत होता है. महिलाएं व्रत के दौरान पानी नहीं पी सकती हैं. वहीं दूध पीना भी वर्जित है. - आपको बता दें कि दूध और पानी के साथ ही शक़्कर का सेवन भी व्रत रखने वाली महिलाओं को नहीं करना चाहिए. - महिलाएं ये व्रत पति के लिए रखती है तो आप यह ध्यान रहें कि व्रत वाले दिन अपने पति से किसी भी तरह का छल या कपट न करें. साथ ही आपको अपने पति से असत्य भी नहीं बोलना चाहिए. - सुहागन महिलाएं व्रत वाले दिन श्रृंगार जरूर करें. बिना श्रृंगार के आप व्रत वाले दिन न रहें. - यदि आप व्रत का फल प्राप्त करना चाहती है तो ध्यान रहें कि व्रत वाले दिन आप न तो किसी की बुराई करें और न ही किसी का अपमान करें. ऐसा नहीं होने पर आपका व्रत अधूरा रह सकता है. - हरतालिका तीज के दिन भूलकर भी पति या किसी बुजुर्ग के साथ बुरा व्यवहार करने से बचे. - व्रत रखने वाली महिलाओं को सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए और स्नान कर लेना चाहिए. साथ ही ध्यान रहें कि इस दिन आपको दिन में विश्राम नहीं करना चाहिए. शास्त्रों की दृष्टि से यह उचित नहीं है. - हरतालिका तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं को भूल से भी इस दिन शारीरीक संबंध नहीं बनाना चाहिए. आप इसके साथ पाप की भागीदार बन जाएगी और साथ ही आपका व्रत भी खंडित हो जाएगा. - यदि आप एक सुहागन महिला है तो यह जरूर ध्यान रहें कि हरतालिका तीज के दिन आपको किसी सुहागन महिला का अपमान नाहने करना है. हरतालिका तीज : हरतालिका तीज के दिन जरूर करें यह काम, प्रसन्न होंगे शिव-पार्वती हरतालिका तीज : हरतालिका तीज का महत्व, कौन रख सकता है यह व्रत ? हरतालिका तीज : इस विधि के साथ करें पूजन, पूरा शिव परिवार होगा प्रसन्न हरतालिका तीज : कब मनाया जाता है यह त्यौहार, जानिए कैसे पड़ा इस व्रत का नाम ?