क्या आप जानते है कि किसी युवा व्यक्ति की आंत में लगभग 100 खरब बैक्टीरिया मौजूद होते है. ये अलग-अलग तरह के होते है. इनके हितो के बीच टकराव होने से बीमारियां उपजती है. किन्तु पेट के विकारों को नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. अधिक कैलोरी वाले जंक फ़ूड, शराब का अधिक सेवन, रेशेदार भोजन और हरी सब्जिया न खाने से डाइजेशन सिस्टम के रोगों का खतरा बढ़ जाता है. इस कारण गेस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम, फंक्शनल डिस्पेपसिया, मोटापा, लिवर में फैट जमना और पेप्टिक अल्सर जैसे रोग हो सकते है. टेंशन में रहने से हाजमा खराब हो सकता है. टेंशन होने से आम तौर पर एड्रिनल ग्रंथियों से एड्रेनैलिन और कॉर्टिसॉल नाम के हार्मोनों का स्राव होता है. टेंशन की वजह से पूरे डाइजेशन सिस्टम में जलन होने लगती है जिससे पाचन नली में सूजन आ जाती है और इसका नतीजा यह होता है कि शरीर में पोषक तत्व कम हो जाते है. लंबे समय तक टेंशन के कारण इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और पेट में अल्सर जैसी डाइजेशन संबंधी समस्या हो जाती है. इस कारण सीने में जलन होने लग जाती है. उल्टी की शिकायत होने लगती है. इतना ही नहीं बल्कि फेफड़े, कान, नाक या गले की भी कई तकलीफे आ जाती है. समस्या बढ़ने से इसोफेगस में छाले और संकुचन जैसी परेशानियां भी हो जाती है. आगे चल कर इसोफेगस कैंसर भी हो सकता है. ये भी पढ़े डेली रूटीन में की गई ये गलतियां पड़ती है भारी दिन की बेहतरी करने के लिए सुबह करें रोशनीमय ब्रेन को स्वस्थ रखने के लिए न करे ये चीजे