बच्चे अगर किसी से घुले-मिले न तो ये करें

यह व्यक्तित्व की खूबियां होती है वह रिश्ते को किस तरह निभाता है और समझता है. जब आप अपने बच्चे का लालन-पोषण कर रहे है तब ध्यान दे, कही आपकी तरफ से कोई कमी न रह जाए. कुछ बच्चे ऐसे भी होते है, वे न तो अपने खिलौने किसी के साथ बाँटना चाहते है और न ही कोई चीज. ऐसे हालातो में बच्चो का आगे चलकर रिश्ते निभाना मुश्किल हो जाता है.

घर में कोई रिश्तेदार या सगे-संबंधी आते है तब बच्चे अपने कमरे में ही रहना पसंद करते है. शादी समारोह में जाने से बेहतर वह किसी गेम जोन या मूवी देखना समझते है. माँ-बाप को बच्चे की इस व्यवहार की अनदेखी नहीं करना चाहिए. इस तरह के बच्चे लोगों पर भरोसा भी नहीं कर पाते. ऐसी परिस्थिति में बच्चे रिश्तों को तब तक नहीं समझते जब उनके अंदर रिश्तों के प्रति भरोसा नहीं होता. इसलिए वह उन सबसे दूर भागते है. इसके लिए माँ-बाप को ही भरोसा बनाने के लिए शुरुआत करनी पड़ती है.

किसी भी परिस्थति में बच्चो की शिकायत या समस्या को सुन कर अनसुना न किया जाए बल्कि उनका साथ दिया जाए. बच्चो के सामने किसी भी रिश्तेदार की बुराई न करे, इससे रिश्तों में खटास ही आएगी और ये बच्चे के आगे के जीवन के लिए ठीक नहीं होगा. जब भी कही बाहर जाए, बच्चो को साथ लेके जाए.

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