कांचीपुरम: रेलवे की एक परियोजना के लिए बीस साल पहले हुए एक जमीन के अधिग्रहण का लोगों को मुआवजा देने में विफल रहने पर यहां की एक स्थानीय अदालत ने ट्रेन के इंजन और कलेक्टरेट के दो वाहनों को जब्त करने का आदेश सुना दिया है। जानकारी के अनुसार बता दें कि कांचीपुरम की इस अदालत के अधिकारियों ने रेलवे स्टेशन पर जाकर एक यात्री ट्रेन के इंजन को जब्त करने की कोशिश भी की है। सरकार ने शनिवार से शुरू किया ड्रोन का पंजीकरण दरअसल करीब 20 साल पहले रेलवे की एक परियोजना के लिए यहां जमीन का अधिग्रहण किया गया था लेकिन उसका मुआवजा अब तक नहीं दिया गया है। वहीं निचली अदालत के आदेश को पूरा करने के लिए उसके अधिकारी याचिकाकर्ताओं के साथ शुक्रवार को रेलवे जंक्शन पहुंचे और तिरुपति-पुडुचेरी फोस्ट पैसेंजर ट्रेन के इंजन को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की है। यहां बता दें कि रेलवे परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का यह मामला 1999 का है। इसके साथ ही यहां की स्थानीय निवासी मुमताज बेगम और अन्य की जमीन अधिग्रहित की गई थी। काले हिरण मामले में सैफ, सोनाली, तब्बू और नीलम के खिलाफ सरकार ने दायर की याचिका गौरतलब है कि बेगम और अन्य ने इस संबंध में अधिक मुआवजे की मांग के लिए अदालत से संपर्क किया था। वहीं जब राज्य प्रशासन ने बढ़ा हुआ मुआवजा संबंधित लोगों को नहीं दिया तो याचिकाकर्ताओं ने कांचीपुरम की उप-अदालत में याचिका दायर की और इसके बाद उप अदालत ने रेलवे और राज्य सरकार की चल संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया। खबरें और भी तलाक के लिए डॉक्टर पति ने महिला को इंजेक्ट किया एचआईवी आलोक वर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में उठा 36 करोड़ रिश्वत का मामला राम मंदिर मामला: आतंकी मसूद अज़हर की धमकी के बाद, अब देश के मुसलमानों ने कही ये बड़ी बात