कई लोगों को खर्राटे की समस्या होती है. खर्राटे यानी कि सोने के बाद नाक से तेज आवाज के साथ सांस लेता और छोड़ता है. खर्राटे की समस्या को लेकर कोई डॉक्टर से सम्पर्क नहीं करता. मगर लोग खर्राटे को एक साधारण प्रक्रिया समझ कर टालते है. सोते समय गले का हिस्सा थोड़ा संकरा हो जाता है और जब ऑक्सीजन संकरी जगह से अंदर जाती है तो आस-पास के टिशू वायब्रेट होते है. इस वायब्रेशन से होने वाली आवाज को ही खर्राटे कहते है. यह आवाज इतनी तेज होती है कि रोगी के पास सोना बिलकुल मुश्किल हो जाता है. खर्राटे के कई कारण होते है जैसे नाक में खराबी, एलर्जी, नाक की सूजन, जीभ मोटी होना, अधिक स्मोकिंग करना, शराब पीना या नशीले पदार्थो का सेवन करना और रात को अधिक खाना खाने से खर्राटे की समस्या होता है. जिन्हें खर्राटे की समस्या हो, वे ये उपाय कर सकते है. खर्राटों से बचने के लिए रात को सोते समय मन को शांत और ब्रेन को बाहर के विचारों से मुक्त रखना चाहिए. सोते समय अपने शरीर को पूरा आराम देना चाहिए, ताकि बॉडी के किसी पार्ट पर जोर न पड़े. रात को अधिक देर तक न जागे, न ही सोने से पहले भोजन अधिक मात्रा में ले. मोटे होने के कारण भी खर्राटे की समस्या हो सकती है. नींद की गोलियों के सेव से खर्राटे की समस्या हो सकती है. सोने से पहले स्मोकिंग या शारब का सेवन न करे, इससे भी खर्राटे की समस्या होती है. ये भी पढ़े क्या उम्र बढ़ने पर डिप्रेशन का शिकार होते है डिप्रेशन न हो इसलिए खाने में जरूरी है ये पोषक तत्व प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले ध्यान रखे ये बातें