कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चुनाव हो और हिंसा-रक्तपात न हो, ऐसा बीते कई सालों से देखने को नहीं मिला है, शायद हिंसा के बल पर सत्ता हासिल करना बंगाल की परम्परा बन चूका है। ऐसा नहीं है कि, वर्तमान ममता बनर्जी की सरकार के समय ही हिंसा हो रही है, इससे पहले जब लेफ्ट (CPM) सत्ता में थी, तब भी बंगाल में खून-खराबा होता ही था। मौजूदा समय में भी पंचायत चुनाव का ऐलान होते ही बंगाल में हिंसा की आग भड़कने लगी थी, जो अब भी शांत नहीं हुई है। इसी हिंसा के बीच पंचायत चुनाव के लिए नामांकन और जांच का दौर खत्म हो चूका है और निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी है। इस सूची के मुताबिक, दक्षिण 24 परगना निर्विरोध जीती गई सीटों के मामले में सबसे अव्वल है। दक्षिण 24 परगना जिले में ग्राम पंचायत से लेकर पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रत्याशियों ने रिकॉर्ड संख्या में निर्विरोध जीत हासिल की है। बता दें कि, यही वो जिला है, जहाँ नामांकन के दौरान राज्य में सर्वाधिक हिंसा देखने को मिली थी। उल्लेखनीय है कि, पंचायत चुनावों में सत्ता में रहने वाले दल को छोड़कर कोई भी विपक्षी पार्टी कभी भी ग्राम सभा और पंचायत समिति की 100 फीसदी सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतार सकी है। सियासी जानकारों की मानें तो, इसके पीछे कारण, हिंसा और तरह-तरह के डर हैं और साथ ही विपक्ष की संगठनात्मक कमजोरी भी एक वजह है। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण 24 परगना में ग्राम पंचायतों की कुल तादाद 6383 है। उनमें से 1767 सीटें ममता बनर्जी की पार्टी TMC ने निर्विरोध जीत ली हैं। इस जिले में पंचायत समिति की कुल सीटें 926 हैं, जिनमे से 233 सीटें पहले ही निर्विरोध TMC के खाते में जा चुकी हैं। वहीं, जिला परिषद की 85 सीटों में से 8 पर TMC ने निर्विरोध जीत दर्ज की है। बता दें कि, वर्ष 1998 और 2003 में बंगाल में हुए पंचायत चुनावों में सत्तारूढ़ TMC ने हावड़ा, हुगली, दोनों मेदिनीपुर, दोनों 24 परगना और यहां तक कि उत्तर बंगाल के कई जिलों में निर्विरोध जीत दर्ज की थी। उन चुनावों में कई ऐसे मामले भी सामने आए थे, जिसमे चुनाव से पहले ही जिला परिषद पर TMC का कब्जा हो गया था। ममता के करीबी और TMC के दबंग नेता अनुब्रत मंडल ने 2018 के पंचायत चुनाव में बड़ी भूमिका निभाई थी। बीरभूम जिला परिषद, जो अनुब्रत मंडल का गढ़ माना जाता है, वहां TMC ने लगभग 100 फीसद सीटें निर्विरोध जीत ली थी। सियासी जानकार बताते हैं कि, यह घटना सत्ताधारी पार्टी की भूमिका को स्पष्ट कर देता है कि उसने किस तरह चुनाव करवाए हैं। मौजूदा पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान सर्वाधिक हिंसा दक्षिण 24 परगना जिले में देखने को मिली थी। भांगड़ में TMC और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) समर्थकों के बीच हुई झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि, TMC हिंसा के तमाम आरोपों को शुरू से नकारती रहती है। TMC की दलील है निर्विरोध जीत राज्य में विकास के चलते मिली है। कोई पार्टी हमारे विकास के सामने उम्मीदवार खड़ा करने की हिम्मत नहीं कर पाई। हालाँकि, कई सियासी पर्यवेक्षकों का मानना है कि, किसी भी चुनाव में एक भी सीट निर्विरोध जीतना संसदीय लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है। लेकिन, दक्षिण 24 परगना ने इस साल के पंचायत चुनाव में निर्विरोध जीत दर्ज करने के मामले में एक रिकॉर्ड कायम कर दिया है। चुनाव आयोग की सूची के मुताबिक, पूरे बंगाल में ग्राम पंचायत स्तर पर 8,002 सीटें निर्विरोध जीती गईं। पंचायत समिति में TMC ने 991 सीटें और जिला परिषद में 16 सीटें निर्विरोध जीती हैं। 63229 ग्राम पंचायत, 9730 पंचायत समिति और 928 जिला परिषद सीटों पर वोटिंग होना है। 'महात्मा जी अब शादी कर लीजिए, आपकी मम्मी कहती है मेरी बात नहीं सुनता..', राहुल को लालू यादव ने दी सलाह, गूंजे ठहाके 370 को लेकर केजरीवाल-अब्दुल्ला लड़े, ममता बोलीं- हमको चोर पार्टी बोलती है कांग्रेस ! एकता बैठक में 'विपक्षी फूट' भी दिखी बुद्ध-महावीर, शंकराचार्य-नानक से लेकर आज़ाद-बिरसा मुंडा तक से प्रेरित होंगे यूपी के बच्चे, योगी सरकार ने किया पाठ्यक्रम में बदलाव