सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। प्रत्येक वर्ष कुल 24 एकादशी तिथियां आती हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। इसे डोल ग्यारस एवं जलझूलनी एकादशी भी कहा जाता है। परिवर्तिनी एकादशी व्रत इस वर्ष भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 25 सितंबर सोमवार को प्रातः 07:55 से प्रारंभ होगी और 26 सितंबर, मंगलवार को प्रातः 5 बजे समापन होगा। ऐसे में 25 सितंबर को गृहस्थ वाले व्रत रखेंगे तथा 26 सितंबर को वैष्णव एकादशी व्रत रखेंगे। वही आज आपको बताने जा रहे हैं आज के दिन किये जाने वाले खास उपाय के बारे में। डोल ग्यारस के खास उपाय- 1. कहा जाता है जीवन में आर्थिक लाभ चाहा जाए तो एकादशी के दिन प्रभु श्री विष्णु के मंदिर में एक साबुत श्रीफल तथा सवा सौ ग्राम साबुत बादाम चढ़ा देना चाहिए। इससे फायदा होता है। 2. यदि आपको बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा है तथा आपके लाख प्रयासों के बाद भी आपका कर्ज चुकता नहीं हो पा रहा है तो आप इस एकादशी के दिन पीपल के वृक्ष की जड़ में शक्कर डाल दे। तत्पश्चात, उसी पर जल अर्पित करें। फिर शाम के वक़्त आप पीपल के नीचे दीपक लगा दें लाभ होगा। 3. कहा जाता है इस एकादशी की रात में अपने घर में या किसी विष्णु मंदिर में भगवान श्रीहरि विष्णु के सामने नौ बत्तियों वाला रात भर जलने वाला दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक प्रगति तेजी से होने लगती है। इसके अतिरिक्त सारा कर्ज चुटकियों में उतर जाता है। इन सभी से परे व्यक्ति के जीवन में सुख-सौभाग्य आना आरम्भ हो जाता है। 4. कहा जाता है यदि विवाह नहीं हो रहा है तो इस एकादशी के दिन प्रभु श्री विष्णु का पीले पुष्पों को अर्पित करना चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्हें सुगंधित चंदन लगाएं तथा इसके बाद बेसन की मिठाई का नैवेद्य चढ़ाना चाहिए। 5. कहा जाता है इस एकादशी के दिन प्रभु श्री विष्णु का पूजन करते वक़्त कुछ सिक्के उनके सामने रख देने चाहिए। वहीँ पूजन के पश्चात् ये सिक्के लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपने पर्स या तिजोरी में हमेशा रख लेना चाहिए। ऐसा करने से धन ही धन आएगा। डोल ग्यारस पर रखें इन बातों का ध्यान डोल ग्यारस पर करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, पूरी होगी हर मनोकामना डोल ग्यारस पर बन रहे है ये 4 शुभ संयोग, जानिए इस व्रत का महत्व