हिंदू धर्म में पूर्णिमा का दिन विशेष महत्व रखता है और इसे अत्यंत फलदायी और शुभ माना जाता है। आज भाद्रपद पूर्णिमा है, जो विशेष रूप से पूजा और व्रत के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और सत्यनारायण व्रत रखा जाता है। पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना और गरीबों को दान देना भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक क्रियाएँ और उपाय माता लक्ष्मी की उपासना: भाद्रपद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी की उपासना विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। माता लक्ष्मी धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी हैं, और उनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन लक्ष्मी सूक्तम का पाठ करने से विशेष लाभ होता है। मान्यता है कि पूर्णिमा की रात लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से पूरे साल की गरीबी दूर हो जाती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। तुलसी पूजन: पूर्णिमा की रात तुलसी के पौधे का पूजन भी किया जाता है। तुलसी के पास घी का चौमुखी दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और घर के सदस्य स्वस्थ रहते हैं। तुलसी के पौधे की पूजा से घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है। भगवान विष्णु की पूजा: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करके उन्हें सफेद चंदन का टीका लगाना चाहिए। भगवान विष्णु को स्नेहपूर्वक पूजा करने से घर में शांति और सुख-समृद्धि बनी रहती है। यह उपाय परिवार के कल्याण और मानसिक शांति के लिए महत्वपूर्ण है। पितृ पूजा: भाद्रपद पूर्णिमा पितृ पक्ष के दौरान आती है, इसलिए इस दिन पितरों की पूजा और सम्मान करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। रात के समय घर के बाहर पितरों के नाम का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। इस परंपरा से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है। भाद्रपद पूर्णिमा का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन किए गए धार्मिक कर्म, पूजा और उपाय घर में सुख, समृद्धि और शांति लाने में सहायक होते हैं। इस अवसर पर ध्यान और पूजा की विधियों का पालन करने से विशेष लाभ प्राप्त किया जा सकता है। घर में इन जगहों पर भूलकर भी ना लगाएं पितरों की तस्वीर, बढ़ जाएंगी मुश्किलें भाद्रपद पूर्णिमा पर बन रहे है शुभ संयोग, इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन भूलकर भी इस दिशा में न रखें ये 3 चीजें, घर में रहेगी नकारात्मकता