कड़ाके की ठंड और शीतलहर से बचने के लिए करें ये काम, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की सलाह

इंदौर: मौजूदा समय में शीत ऋतु में चलने वाली शीतलहर की वजह से अनेक स्वास्थ्य संबंधित समस्याऐं उत्पन्न हो सकती है। इन समस्याओं को अगर समय से पहले पहचान कर इनसे बचाव कर लिया जाये, तो इस समस्या का सामना किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने शीत लहर से बचाव के संबंध में आवश्यक सलाह जारी की है।

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी में लोगों से आग्रह किया गया है कि, स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान के लिए रेडियों टी.वी. एवं समाचार पत्र जैसे सभी मीडिया द्वारा जारी की गई जानकारी का अनुसरण करें। साथ ही लोगों को पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहनने, नियमित रूप से गर्म पेय पीते रहने, बाहर निकलते समय दस्ताने, टोपी, मफलर एवं जुते पहनने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही चुस्त कपड़े पहनने के लिए मना किया गया है, क्योंकि यह रक्त संचार को कम करते है। इसलिए हल्के, ढीले-ढाले कपड़े बाहर की तरफ और ऊनी कपड़े अन्दर की तरफ पहनने की सलाह दी गई है।

बता दें कि, शीत लहर के वक़्त विभिन्न तरह की बीमारियों की आशंका होती है जैसे- फ्लू सर्दी-जुकाम, खांसी, अल्पताप अवस्था के लक्षण जैसे सामान्य से कम शरीर का तापमान न रूकने वाली कपकपी यादाश्त चले जाना, बेहोशी, जबान का लड़खड़ाना आदि। इसलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों से शीत ऋतु में जितना संभव हो घर के अंदर रहने के लिए कहा गया है। साथ ही अति-आवश्यक होने पर ही बाहर की यात्रा करने को कहा गया है। एडवाइजरी में, इस मौसम में पर्याप्त मात्रा में पोषण तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करने और शरीर की प्रतिरक्षा को बनाएं रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल एवं सब्जियां खाने को कहा गया है। 

बहुत अधिक ठंड के समय दीर्घकालीन बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, श्वास संबंधित बीमारियों वाले मरीज, वृध्द पुरूष महिलायें जिनकी उम्र 64 वर्ष से ज्यादा है, 6 वर्ष से कम आयु के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं को ऐसी स्थिति में विशेष एहतियात बरतना चाहिये। इसलिए अधिक ठंड पड़ने पर पर्याप्त वेंटीलेशन होने पर ही रूम हिटर का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है। अधिक ठंड पडने पर जहां तक संभव हो पालतु पशुओं को भी घर के भीतर रखने को कहा गया है।

साथ ही, बहुत ठंड पड़ने पर प्रभावित हिस्सों पर मॉलिश न करने की सलाह दी गई है, क्योंकि इससे अधिक नुकसान हो सकता है। शीत लहर में ठंड के सम्पर्क में अधिकतर रहने से त्वचा कठोर एवं सुन्न हो सकती है। शरीर के अंगों जैसे हाथ-पैर की उंगलियों, नाक एवं कान में लाल फफोले हो सकते हैं, शरीर के भाग मृत होकर त्वचा का लाल रंग बदल कर काला हो जाता है। ऐसी स्थिति में फ़ौरन चिकित्सक से संपर्क करें। सावधानी ही बचाव है।

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