आज के वक़्त में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो स्मार्टफोन का उपयोग करना पसंद न करता हो. बीतते वक़्त के साथ हमारे स्मार्टफोन पर हमारी निर्भरता बढ़ती ही चली जा रही है. हमारा हर छोटा-बड़ा काम हमारे स्मार्टफोन के जरिए से पूरा हो जाता है. हाल ही में, सैपिएन लैब्स (Sapien Labs) ने एक नई रिपोर्ट जारी की है जिसने यूजर्स के मध्य हंगामा मचना शुरू हो चुका है. ये रिपोर्ट एक खौफनाक खुलासा कर चुकी है, आइए इसके बारे में जानते हैं.. Sapien Labs ने जारी की नई रिपोर्ट: Sapien Labs ने हाल ही में एक रिसर्च कन्डक्ट की जिसकी रिपोर्ट अब वायरल हो रही है. इस रिसर्च को करने वाले यूजर्स का यह बोना है कि 18 से 24 साल के युवाओं के बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) की एक बड़ा कारण है स्मार्टफोन का उपयोग हो सकता है. रिपोर्ट के हिसाब से जब पहले इंटरनेट का उपयोग नहीं किया जाता था, 18 वर्ष के होने तक में लोग अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ 15 हजार से 18 हजार घंटे बिता लेते थे. अब ये वक़्त कम होकर 1,500 से 5 हजार घंटे तक ही रह गया है. रिपोर्ट में हुआ ये काउफनाक खुलासा: Sapien Labs की रिपोर्ट में हुए जिस खौफनाक खुलासे के बारें में आज हम बात करने जा रहे है, इस रिसर्च के वैज्ञानिकों को ऐसा लगता है कि जो लोग अधिक स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं, उनके मन में सुसाइड के ख्याल आने लग जाता है. Sapien Labs के प्रमुख वैज्ञानिक (Chief Scientist), तारा थिआगराजन (Tara Thiagarajan) का ऐसा कहना है कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल लोगों में इतना बढ़ गया है कि इसके चलते लोग आपस में बातचीत करना भी भूल जाते है. जब लोग आपस से मुलाकात नहीं कर पाते थे, तो वो चेहरे के भावों को पढ़ने में, शरीर के हाव-भाव को समझने में, लोगों की भावनाओं पर ध्यान देने में और असल जिंदगी में परेशानियों को सुलझाने में सक्षम नहीं हो पाते है. यही कारण है कि वो समाज से जुड़ाव नहीं महसूस कर पाते हैं और फिर उनके मन में सुसाइड जैसे ख्याल आते हैं. इतना ही नहीं इस रिसर्च में कुल मिलाकर 34 देशों से डेटा इकट्ठा किया गया है और ये देखा गया है कि स्मार्टफोन्स पर लोगों की निर्भरता 2010 से ही शुरू हो चुकी है. हमारा आपको ही यही सुझाव है कि अपने स्मार्टफोन के गुलाम न बनें और खुद इस बात का ध्यान रखें कि आपको दिन में कितना वक़्त अपने फोन को दिया जाना चाहिए. जालसाजों के जाल में न फंसें, आरबीआई ने जारी किया अलर्ट आइए हम बुद्ध के जीवन दर्शन से प्रेरित होते रहें: अमित शाह कश्मीरी पंडितों को बचाना है तो कश्मीर फाइल्स पर बैन लगाएं: फारूक अब्दुल्ला