हर इंसान चाहता है कि उसका वैवाहिक जीवन सरल व सुन्दर हो, लेकिन हर दम्पत्ति का जीवन ऐसा नहीं होता उनके जीवन मे आये दिन कोई न कोई परेशानी और तनाव बना ही रहता है। अगर आपके भी वैवाहिक जीवन में तनाव व उलझन है तो इसका कारण आपके ही सोने का तरीका हो सकता है। दम्पत्तिय जीवन में पति पत्नी का रिश्ता बहुत ही अहम होता है। यह रिस्ता जितना अहम माना जाता है उतना ही नाजुक होता है। पति पत्नी के बीच इस रिश्ते की डोर प्रेम और विश्वास पर टिकी होती है। लेकिन कई बार सोने का आम तरीका भी पति पत्नी के बीच के इस विश्वास और प्रेम को कम करने का कारण बन जाता है। दोनों के बीच मतभेद इतना अधिक होने लगता है की संबंध बिगड़ने लगते है और इसका कारण समझ भी नहीं आता है। वास्तु विज्ञान और ज्योतिषी के अनुसार जब दंपत्ति एक ही बेड पर दो अलग-अलग गद्दे का उपयोग करते हैं तो उनके बीच होने वाला मतभेद बढ़ने की संभावना और अधिक हो जाती है। पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाये रखने के लिए बेड को कभी भी घर के बीम के नीचे नहीं लगाना चाहिए। बीम अलगाव का प्रतीक माना जाता है जो रिश्तों में दूरियां लाता है। जो व्यक्ति अपना बेड़ बीम के नीचे से नहीं हटा सकते है उन्हें बीम के नीचे बांसुरी या विंड चाईम लटका देना चाहिए। इससे वास्तु दोष दूर हो जाता है। वास्तुविज्ञान के अनुसार नवविवाहित दंपत्ति को संतान प्राप्ति तक वायव्य यानी उत्तर पश्चिम या उत्तर दिशा के मध्य के शयन कक्ष में सोना चाहिए। इससे प्रेम बढ़ता है और जल्दी संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है। पति-पत्नी जिस कमरे में सोते है उस कमरे में ड्रेसिंग टेबल नहीं होना चाहिए। यदि ड्रेसिंग टेबल उसी कमरे में रखना पड़े तो उससे इस प्रकार रखे की सोते और उठाते समय उस पर नजर ना पड़े। पति पत्नी के बीच का प्रेम और विश्वास बनाए रखने के लिए बिस्तर पर बिछे तकिए का खोल और चादर दो तीन दिनों पर बदलते रहना चाहिए। असफलता का एक कारण गृहदोष भी हो सकता है ऐसी संतान से अच्छा है कि संतान ही न हो गुरु के दर्शन करने से क्या लाभ होता है? तो आपके भी बच्चे हो जायेंगे होनहार