बहुत कम लोग है जिनको टू फिंगर टेस्ट के बारे में पता है। कई लोगो की इस टेस्ट को लेकर गलत धारणाए बनी हुई है। ओर अगर सच कहा जाए तो यह एक मानसिक यातना के समान ही माना जाता है। जो रेप पीड़िता को अस्पताल पहुचने के बाद दी जाती है । हम आपको बता दे की आखिर टू फिंगर टेस्ट है क्या। दरअसल टू फिंगर टेस्ट को अंग्रेजी में वैगिनल एग्जैमिनेशन कहते है। इसके द्वारा कौमार्य का परीक्षण किया जाता है। यह पता करने के लिए की महिला के साथ सेक्स हुआ है या नहीं। इस परीक्षण में महिला की योनि का टेस्ट किया जाता है। अगर सेक्स हुआ होता है तो महिला की योनि का योनिच्छेद फैट जाता है जिसे डॉक्टर अपनी उंगलियो की संख्या के आधार पर बता देते है, और इससे यह साबित होता है की यौन सम्बन्ध बनाए गए है या नहीं। वैसे यह करना काफी दुखद भरा एहसास होता है। लेकिन भारत में लगातार रेप और बलात्कार के मामले सामने आते है जिसके लिए भी यह जरुरी है। 6 सालो से कैद की समुद्र की अद्भुत तस्वीरे व्हाट्सएप पर नए नए दोस्त बनाकर करती थी यह गन्दा काम