सड़क हादसे में भू-वैज्ञानिक डॉ. अरुण सोनकिया का निधन

भू-वैज्ञानिक डॉ. अरुण सोनकिया को पुरे देश में मानव जीवाश्म खोज के लिए जाना जाता है.  शनिवार को एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया है . ये सड़क दुर्घटना हरदा रोड पर हुई है.  मानव जीवाश्म की खोज डॉ. अरुण सोनकिया ने  नर्मदा नदी के किनारे पर स्थित गांव हथनौरा में कि थी . ये खोज उन्होने 5 दिसंबर 1982 में की थी.  मानव जीवाश्म खोजने के लिए डॉ. अरुण सोनकिया को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था.

सड़क हादसे में भू-वैज्ञानिक का निधन उस समय हो गया जब वे कार से भोपाल वापस आ रहे थे. दोपहर लगभग 2 बजे टुगारिया गांव जाने वाले रस्ते के नजदीक ट्रक ने टक्कर मार दी. डॉ. अरुण सोनकिया भोपाल में सहयोग बिहार कॉलोनी में रहते थे.

 

भू-वैज्ञानिक ने अपनी खोज में लगभग पांच लाख साल पुराने मानव के कपाल अवशेष को खोजा था. खोजे गए  अवशेष को  वैज्ञानिकों ने नर्मदा मानव का नाम दिया.  इस अवशेष का आकलन ईएसआर डेटिंग पद्धति से किया था.  इससे यह जानकारी प्राप्त करने में सहयता मिली की मानव के विकास की कहानी भारत में प्रारम्भ होती है. खोज के समय  डॉ. अरुण सोनकिया ने बताया था कि इससे पूर्व आदि मानव की उत्पत्ति की जानकारी पूर्वी अफ्रीका के तंजानिया अंतर्गत ओल्डवाईगॉज नामक स्थान से मिलती रही है.

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