कोटा : आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के 20 साल पुराने मामले में कोटा की भ्रष्टाचार निरोधक कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश अश्विनी विज ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी कोटा के टीटी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राजेंद्र प्रसाद शर्मा और पत्नी मोहिनी शर्मा, सास-ससुर सहित 7 आरोपियों पर 1.25 करोड़ का जुर्माना लगाया. डॉक्टर दम्पति को 7-7 साल, अन्य 3 आरोपियों को 5-5 साल तथा 2 आरोपियों को 3-3 साल की सजा सुनाई गई. आपको बता दें कि इस बहुचर्चित मामले में डॉ. आरपी शर्मा के खिलाफ एसीबी ने 11 अक्टूबर 1998 को मामला दर्ज किया था.शर्मा 1982 से 1998 तक एमबीएस अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी रहे थे .जाँच में पता चला कि डॉ. शर्मा के सेवाकाल में अर्जित संपत्तियों की कीमत 55 लाख 42 हजार 429 रुपए निकली, जो उनकी वैध आय से 33 लाख 35 हजार 504 रुपए यानी 151 प्रतिशत अधिक थी. डॉक्टर ने फर्जी कंपनी बनाकर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की .टीटी हॉस्पिटल में क्लिनिक दिखाया .फर्जी कम्पनी में पत्नी,सास , ससुर को संचालक बनाया. जिन व्यक्तियों द्वारा कंपनी के शेयर खरीदकर पूंजी वृद्धि बताई उनके शेयर भी डॉ. शर्मा के घर से जब्त हुए. ऋण देना भी फर्जी निकला. उल्लेखनीय है कि इस फैसले में कोर्ट ने टीटी हॉस्पिटल को अवैध आय से अर्जित संपत्ति मानते हुए सरकार को सौंपने का आदेश देकर कलेक्टर को प्रशासक नियुक्त कर दिया. यह भी देखें राजस्थान में धूल भरी हवाएं चलने की आशंका इसलिए कम हो रहे आईआईटी एडवांस परीक्षा के रजिस्ट्रेशन