इटावा: यूपी के इटावा में आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में कार्डियोलॉजी विभाग के लोकप्रिय डॉक्टर समीर सर्राफ ने पैसों की लालच में कई रोगियों की जानों के साथ खिलवाड़ कर डाला। खबर है कि सर्राफ ने 2017 से 2021 के बीच में 600 हार्ट मरीजों को नकली पेसमेकर लगा दिया, जिनमें से 200 मरीजों की मौत की पुष्टि हो गई है। मामले की तहकीकात के पश्चात् सर्राफ को लखनऊ से पकड़कर जेल में बंद कर दिया गया है। वही इस सिलसिले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि पेसमेकर घोटाले में गिरफ्तार डॉक्टर को लखनऊ ले जाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सर्राफ पर आरोप है कि उसने रोगियों का नाजायज फायदा उठाया तथा हार्ट मरीजों में सस्ते पेसमेकर लगाकर उनसे अधिक रकम वसूली। जब उसकी इस हरकत की खबर प्रशासन को लगी तो पहले जाँच एडमिनिस्ट्रेशन लेवल पर आरम्भ हुई। उस जाँच कमेटी ने पाया कि सर्राफ पर लग रहे आरोप सही हैं। उसने सच में फर्जी कंपनियों से सस्ता पेस मेकर लिया तथा फिर उसे मरीजों के अंदर लगाकर उसकी 9 गुना कीमत वसूली। कॉलेज प्रशासन लेवल की तहकीकात के पश्चात् राज्य स्तरीय पर भी एक बड़ी जाँच टीम का गठन हुआ। उस टीम ने भी सर्राफ के खिलाफ सबूत पाए। तत्पश्चात, सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आदेश कुमार ने सैफई थाने में मुकदमा दर्ज कराया तथा 7 नवंबर को डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया। उल्लेखनीय है कि समीर सर्राफ पर मरीजों के परिजनों से अवैध रूप से पैसे ऐंठने का भी आरोप है। इसके अतिरिक्त उसके ऊपर हॉस्पिटल में सामान होते हुए करोड़ों का सामान मँगाने का आरोप है। साथ ही वित्तीय अनियमितता, पीड़ित मरीजों को वित्तीय हानि पहुँचाने तथा मरीजों की जान खतरे में डालने के आरोप में भी उनके ऊपर केस दर्ज है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, 20 मार्च 2021 को विश्वविद्यालय में वह वित्तीय अनियमितता तथा सत्यनिष्ठा से कर्तव्यों का पालन न करने के दोषी पाया गया थे। उस वक़्त भी उसे सस्पेंड किया गया था तथा उसके खिलाफ तहकीकात हुई थी। बॉयफ्रेंड का दोस्त बता 16 वर्षीय लड़की को नदी के किनारे ले गए 5 युवक, फिर एक-एक कर पार की हैवानियत की हदें 'भगवान की आरती उतारना नहीं आती, चरणामृत तक ठीक से नहीं ले पाते है', राहुल गांधी पर कैलाश विजयवर्गीय का हमला 'जनता माफी दे या फांसी...', CM नीतीश के बयान का JDU ने किया विरोध