जेनेरिक दवाइयां ही लिखे डॉक्टर- स्वास्थ्य मंत्री

रांची:  देश में अधिकांश डॉक्टर अभी भी जेनेरिक दवाइयां नहीं दे रहे हैं, यह कहना है केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का, वे शुक्रवार को स्टेट गेस्ट हाउस में मीडिया से चर्चा कर रहे थे, जहाँ उन्होंने कहा कि सख्ती से निर्देश देने के बाद भी अधिकतर डॉक्टर मरीजों को जेनेरिक दवाइयां लिखने के बजाए, महंगी ब्रांडेड दवाइयां लिख रहे हैं. इसके बाद उन्होंने डॉक्टरों से समाज के प्रति संवेदनशील होने का आह्वान करते हुए कहा कि वे जेनरिक दवा ही लिखें.

उन्होंने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने राज्य के तीन नए मेडिकल कॉलेजों (पलामू, हजारीबाग तथा दुमका) को मान्यता देने से इन्कार कर दिया है, लेकिन केंद्र सरकार इसी साल से यहां पढ़ाई शुरू करने के लिए इन्हें मान्यता दिलाने का प्रयास कर रही है. केंद्रीय राज्य मंत्री ने झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की प्रशंसा की, विभिन्न सूचकांकों का हवाला देते हुए कहा कि जब वे 1996 में झारखंड गठन को लेकर गठित कमेटी लेकर आए थे तो उस समय यहां की मातृ मृत्यु दर (एक लाख बच्चे के जन्म पर) 416 थी, जो अब घटकर 208 हो गई है, शिशु मृत्यु दर (एक हजार शिशुओं के जन्म पर) घटकर 29 हो गई है, जबकि राष्ट्रीय दर 34 है, टीकाकरण की दर 95 फीसद पहुंच गई है.

साथ ही उन्होंने बताया कि मातृ स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए राज्य सरकार ने 2020 तथा 2030 के लिए रोडमैप तैयार किया है, राज्य के अधिकारियों ने उन्हें इसका प्रजेंटेशन भी दिखाया. उन्होंने आशा जताई कि इस रोडमैप पर काम करने से झारखंड शीघ्र ही राष्ट्रीय दर 167 को पार कर जाएगा .

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