रायपुर: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में 69 फीट गहरे बोरवेल में गिरे राहुल साहू को 104 घंटे तक निरंतर चले ऑपरेशन के पश्चात् बचाया गया था। राहुल के पिता ने बृहस्पतिवार को कहा कि जिन बचानवकर्मी ने मेरे बेटे को बचाया मैं उनमें भगवान जगन्नाथ देखता हूं। क्योंकि मेरे बेटे का बचना भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद के बिना संभव नहीं था। 11 वर्ष के राहुल साहू को स्नान पूर्णिमा के दिन मंगलवार को भगवान जगन्नाथ के स्नान की रस्म के चलते बोरवेल से बचाया गया था। राहुल के पिता रामकुमार साहू ने ओडिशा के मीडिया के एक समूह को कहा कि हम मानते हैं कि भगवान जगन्नाथ ने मेरे बेटे को बाहर निकालने के लिए NDRF बचाव दल भेजा था। उन्होंने एक घटना को याद करते हुए कहा कि राहुल कई वर्ष पूर्व पुरी की पारिवारिक यात्रा के चलते कुछ वक़्त के लिए गुमशुदा हो गया था। बाद में वह भगवान जगन्नाथ के मंदिर के एक द्वार के पास मिला था। पिता ने कटक से रेस्क्यू टीम विशेष तौर पर NDRF को धन्यवाद देते हुए कहा, मैं उनमें भगवान जगन्नाथ को देखता हूं। उन्होंने खाना छोड़ दिया तथा राहुल को बचाने के लिए रातों की नींद हराम कर दी। उनकी कोशिशों से ही मेरा बेटा मौत के मुंह से निकला है। रामकुमार साहू ने कहा कि राहुल के स्वस्थ होने के पश्चात् फिर से पुरी जाएंगे, अभी राहुल का छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है। सुरंग में लंबे समय तक रहने की वजह से लड़के को संक्रमण हो गया था। पिता ने कहा कि उसे और 7 दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा। वही इसको लेकर CM भूपेश बघेल ने मंगलवार को कहा कि जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल में फंसे रहे 11 वर्षीय राहुल साहू को निकालने के लिए चलाए गए ऑपरेशन पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिससे लोगों को इसके लिए जागरुक किया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों। क्या है 'अग्निपथ योजना' और क्यों देशभर में किया जा रहा है इसका विरोध? यहां जानिए इससे जुड़े हर सवाल का जवाब 'अग्निपथ स्कीम' में विरोध के दौरान मची भगदड़, नहर में कूदे कई युवा 'एक सैनिक के लिए 4 साल...', अग्निपथ योजना पर कैप्टन अमरिंदर ने दिया बड़ा बयान