क्या दिमाग में भी होता है कैंसर

ब्रेन ट्यूमर, यानी दिमाग में होने वाली गांठ या खंड, सिर की हड्डी और दिमाग में उत्पन्न होती है। इसे सामान्यतः कैंसर से जोड़ा जाता है, लेकिन हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, इसलिए इसके प्रति सतर्क रहना बहुत जरूरी है।

ब्रेन कैंसर कितना खतरनाक है?

ब्रेन कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो केवल दिमाग को ही नहीं बल्कि पूरे शरीर को प्रभावित करती है। दिमाग पूरे शरीर को संचालित करता है, इसलिए ब्रेन कैंसर से शरीर की अन्य गतिविधियां भी प्रभावित हो सकती हैं। बुजुर्गों में ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है। 20 से 40 साल की उम्र में आमतौर पर कैंसर रहित ट्यूमर होते हैं, जबकि 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में कैंसर वाले ट्यूमर की आशंका ज्यादा रहती है।

ब्रेन ट्यूमर के प्रकार

नॉन-कैंसरस ब्रेन ट्यूमर: इस प्रकार के ट्यूमर कैंसर रहित होते हैं और धीरे-धीरे बढ़ते हैं। ये सर्जरी से आसानी से हटाए जा सकते हैं और इसके बाद मरीज 15 से 20 साल तक सामान्य जीवन जी सकते हैं।

कैंसरस ब्रेन ट्यूमर: इसे प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर भी कहा जाता है। इस प्रकार के ट्यूमर की सर्जरी के बाद मरीज आमतौर पर 2 से 3 साल ही जीवित रह पाते हैं। इससे उल्टी, सिरदर्द, सीजर अटैक और उठने-बैठने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

मेटास्टेसिस ट्यूमर: ये ट्यूमर लंग, लीवर या ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों की वजह से ब्रेन में उत्पन्न होते हैं। इनसे ब्रेन को नुकसान पहुंच सकता है और यह किसी अन्य बीमारी के कारण पैदा होते हैं।

ब्रेन कैंसर के लक्षण

लगातार सिरदर्द: सिर में बार-बार दर्द होना, खासकर एक ही स्थान पर, और दवा से राहत मिलने के बाद भी दर्द का बार-बार होना।

उल्टी और जी मिचलाना: सिरदर्द के साथ उल्टी और जी मिचलाने की समस्या हो सकती है।

आंखों की समस्याएं: ब्रेन ट्यूमर की वजह से आंखों में धुंधलापन हो सकता है।

बोलने में कठिनाई: ब्रेन कैंसर के मरीजों को बोलने में परेशानी हो सकती है।

सुनने में दिक्कत: कुछ मामलों में ब्रेन ट्यूमर के कारण सुनने में समस्या आ सकती है।

संतुलन बनाने में कठिनाई: मरीजों को संतुलन बनाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

मानसिक परिवर्तन: ब्रेन ट्यूमर के कारण भूलने की बीमारी, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

कमजोरी और थकान: ब्रेन कैंसर के मरीजों को कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है।

मांसपेशियों में कमजोरी: ब्रेन ट्यूमर की वजह से मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है।

दौरे पड़ना: कुछ मामलों में, मरीजों को दौरे भी पड़ सकते हैं।

ब्रेन कैंसर से बचाव के उपाय

सही समय पर जांच: अगर आप किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्वस्थ जीवनशैली: स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से शरीर को मजबूत बनाएं। चिंता और तनाव से बचें: मानसिक तनाव और चिंता को नियंत्रित करने की कोशिश करें।

ब्रेन कैंसर एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन सही समय पर उपचार और सावधानी बरतने से इससे बचाव संभव है।

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