हर कोई शिव जी की पूजा कर के उनको प्रसन्न करना चाहता है .भक्त अपनी श्रद्धा, आस्था और शक्ति से शिव पूजा कर अपनी कामनाओं को पूरा करना चाहता है. लेकिन शास्त्रों में शिव उपासना के लिए शिवलिंग पूजा की नियम बनाये गए है. पर इसकी जानकारी के अभाव में कुछ गलतिया हो जाती हैं. शिवलिंग परिक्रमा करना भी शिव पूजा का एक महत्वपूर्ण अंग है. आइये जानते है क्या है शिव पूजा के नियम- 1-भगवान शिव की पूजा के बाद शिवलिंग की परिक्रमा हमेशा बांई ओर से शुरू कर जलाधारी के आगे निकले हुए भाग यानी स्त्रोत (जहां से भगवान शिव को चढ़ाया जल बाहर निकलता है) तक जाकर फिर विपरीत दिशा में लौट दूसरे सिरे तक आकर परिक्रमा पूरी करें. इसे शिवलिंग की आधी परिक्रमा भी कहा जाता है. 2-जलाधारी या अरघा के स्त्रोत को लांघना नहीं चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि उस स्थान पर ऊर्जा और शक्ति का भंडार होता है. अगर शिवलिंग की परिक्रमा के दौरान जलाधारी को लांघा जाए,तो शारीरिक क्रियाओं पर इस शक्तिशाली ऊर्जा का बुरा असर हो सकता है. इसलिए जब भी शिवलिंग पूजा करें, इस बात का ध्यान रखकर अनजाने में होने वाले इस दोष से बचें.