नई दिल्ली। एविएशन टर्बाइन फ्यूल (Aviation Turbine Fuel) या जेट ईंधन में लगातार हो रही वृद्धि की वजह से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा जल्द ही महंगी होगी क्योंकि एक एयरलाइन की परिचालन लागत में एटीएफ (ATF) का 40 फीसदी हिस्सा होता है। जी दरअसल आज यानी गुरुवार को नई दिल्ली में एटीएफ की कीमत (ATF price) में 16.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। अब इसके बाद यह 1.41 लाख रुपये प्रति किलोलीटर के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गई। बीते 3 महीनों में यह सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। आप सभी को बता दें कि एटीएफ की कीमत 1,21,476 रुपये प्रति किलोलीटर से बढ़कर 1,41,233 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई। जी दरअसल साल 2022 के छह महीनों में एटीएफ की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं और अब बढ़ती कीमतों और रुपये में गिरावट से निपटने के लिए एयरलाइन कंपनियों के पास किराए में बढ़ोतरी करना ही एकमात्र विकल्प है क्योंकि ये दोनों कारक कैरियर की परिचालन लागत में योगदान करते हैं। वहीं इस संदर्भ में स्पाइसजेट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने TOI को बताया कि, 'मौजूदा कीमतें अस्थिर हैं और एयरलाइन को हवाई किराए में कम से कम 10 फीसदी से 15 फीसदी की वृद्धि करने की आवश्यकता होगी। सरकार जेट ईंधन पर काफी वैट और शुल्क लगाती है, जिससे भारत में एटीएफ अब दुनिया में सबसे महंगा है।' इसी के साथ सिंह ने आगे यह भी बताया कि, 'जेट ईंधन स्पाइसजेट की परिचालन लागत का 50 फीसदी है और जून 2021 से कीमतों में 120 फीसदी की वृद्धि हुई है।' इसके अलावा उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से एटीएफ की कीमतों को कम करने का आग्रह किया। आप सभी को पता हो कि झारखंड सरकार ने राज्य में विमान ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (VAT) 20 फीसदी कम करके चार फीसदी कर दिया है। महंगाई का एक और बड़ा झटका, टमाटर के दामों में आया भारी उछाल बहन से था शख्स का अवैध संबंध, गुस्साए भाई ने दी ऐसी मौत कि जानकर काँप उठेगी रूह 'नाम रह जाएगा' में लता मंगेशकर को इस तरह दी जाएगी अनोखी श्रद्धांजलि