लन्दन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर ब्रिटेन के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है. महिला विरोधी टिप्पणी और असभ्यता का हवाला देकर ट्रंप के खिलाफ सूचीबद्ध राजकीय ब्रिटेन दौरे को रद्द करनेवाली ऑनलाइन याचिका पर ऐतिहासिक रूप से करीब दस लाख लोगों ने दस्तखत कर दिए हैं.ट्रंप की तरफ से सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के प्रवेश और शरणार्थियों पर लगाई गई रोक की दुनियाभर में आलोचना हो रही है. उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन की संसद की वेबसाइट पर शनिवार की दोपहर 'डॉनल्ड ट्रंप को ब्रिटेन की राजकीय यात्रा पर आने से रोकें' शीर्षक वाली याचिका तैयार की गई . इसके लिए हाउस ऑफ कॉमन्स में इस पर चर्चा के लिए आवश्यक एक लाख हस्ताक्षर तेजी से जुटा लिए गए.अब इस मुद्दे पर हाउस ऑफ कॉमन्स में मंगलवार को चर्चा होगी. बता दें कि ब्रिटेन में यह याचिका ऐसे समय में लाई गई है. जब शुक्रवार को ट्रंप ने सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर रोक के आदेश दिए हैं जिसका जमकर विरोध किया जा रहा है. याचिका में ब्रिटेनवासियों का विचार है कि अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते ट्रंप को ब्रिटेन में आने तो देना चाहिए, लेकिन उन्हें आधिकारिक राजकीय यात्रा पर नहीं बुलाया जाना चाहिए ,क्योंकि इससे महारानी की गरिमा को धक्का पहुंचेगा. ब्रिटिश प्रधानमंत्री टरीसा मे ने पिछले सप्ताह अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की तरफ से ट्रंप को ब्रिटेन आने का न्योता दिया था. ट्रम्प की नीति का शिकार हुआ भारतीय, सुषमा से मांगी मदद आदेश नही मानने पर ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल को हटाया