वॉशिंगटन : अपनी विवादों की लिस्ट में एक और विवाद को जोड़ने की तैयारी के तहत रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अब उत्तरी कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से मिलना चाहते है। ट्रंप द्वारा दिया गया यह बयान अमेरिका की उत्तरी कोरिया नीति के बिल्कुल विपरीत है। रॉयटर्स को दिए अपने इंटरव्यू में मंगलवार को ट्रंप ने कहा कि वो किम से बात करेंगे और वहां के न्यूक्लियर प्रोग्राम को रोकने की कोशिश करेंगे। ट्रंप ने कहा कि मैं उनसे बात करुंगा, मुझे उनसे बात करने में कोई परेशानी नहीं है। साथ ही ट्रंप चीन पर भी दबाव डालेंगे कि वो नॉर्थ कोरिया को रोके। दक्षिणी कोरिया विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सीएनएन से बातचीत के दौरान कहा कि यह किसी भी लिहाज से ठीक नहीं है। यह पूरी तरह से चुनावी कैंपेन को लेकर दिया गया बयान है। उन्होने यह भी कहा कि अमेरिका और साउथ कोरिया नॉर्थ कोरिया में परमाणु प्रोग्राम को बंद कराने के पक्षधर है। दुनिया में चीन ही ऐसा देश है, जो नॉर्थ कोरिया को कई जगहों पर मदद देता है। ओबामा सरकार ने कई बार चीन पर दबाव डालकर उतरी कोरिया को रोकने का असफल प्रयास किया है। अमेरिका नॉर्थ कोरिया पर कई तरह के बैन भी लगा चुका है। अमेरिका द्वारा प्योंगयांग से सारे संबंध पहले ही समाप्त किए जा चुके है।