बिलासपुर: छत्तीसगढ़ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ पुलिस ने बिलासपुर के एक सरकारी विद्यालय के हेड मास्टर को धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि हेड मास्टर ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिन लोगों को हिंदू देवताओं में विश्वास न करने तथा बौद्ध धर्म अपनाने की शपथ दिलाई थी. सोमवार को पुलिस ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक सरकारी विद्यालय के 60 वर्षीय हेडमास्टर को हिंदू देवताओं में विश्वास न करने और बौद्ध धर्म अपनाने की शपथ दिलाने के पश्चात् धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. वही एक पुलिस अफसर ने बताया कि ये घटना 22 जनवरी की है. जब अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही थी, तभी अपराधी हेड मास्टर ने मोहतराई गांव में बच्चों एवं लोगों के एक ग्रुप को इकट्ठा किया. फिर उन्हें हिंदू देवताओं की पूजा नहीं करने एवं बौद्ध धर्म का पालन करने की शपथ दिलाई थी. फिर जिला शिक्षा अफसर ने आरोपी हेड मास्टर रतनलाल सरोवर को सस्पेंड कर दिया. आरोपी टीचर भरारी गांव में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के तौर पर तैनात था. पुलिस अफसर ने बताया कि हेड मास्टर के खिलाफ एक हिंदू संगठन के पदाधिकारी रूपेश शुक्ला की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने भगवान शिव, राम एवं कृष्ण समेत हिंदू देवताओं की पूजा नहीं करने एवं बौद्ध धर्म का पालन करने की शपथ दिलाई थी. इसके साथ ही शिकायत में बताया गया कि उनके कृत्य से हिन्दू धर्म को मानने वाले लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. उन्होंने कहा कि इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ IPC की धारा 153ए (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना तथा सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) और 295ए (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर एवं दुर्भावनापूर्ण कृत्य करना) के तहत मुकदमा दर्ज कर रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. पंजाब के बाद अब केजरीवाल ने हरियाणा चुनाव को लेकर किया ये बड़ा ऐलान भारत के लिए बड़ी खबर, मालदीव और चीन के रास्ते का रोड़ा बना ये देश अगर आप सर्दियों में गर्मियों का मजा लेना चाहते हैं तो भारत की इन चार जगहों की कर सकते हैं सैर