किसान आंदोलन पर उमा भारती बोलीं- 'दोनों पक्षों को अहंकार एवं हठ से मुक्त होना होगा'

भोपाल: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 59वें दिन भी लगातार जारी है। अब इसी बीच बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन पर बात की है। दिए गए एक बयान में उन्होंने कहा कि, 'सरकार और किसान नेताओं सामने किसानों की समस्याएं हल करने का यही मौका है और इसमें दोनों पक्षों को अहंकार एवं हठ से मुक्त होकर काम करना होगा।'

इसी के साथ उमा भारती ने यह भी कहा, '30 साल बाद किसान जमा हुए हैं। सरकार के पास भी यही मौका है। इसलिए मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के सामने भी बहुत बड़ा अवसर आया है और किसानों के सामने भी अवसर है। इस अवसर पर दोनों पक्षों को (सरकार और किसान नेताओं को) अहंकार और हठ से मुक्त होकर काम करना होगा।' यह सभी बातें उन्होंने भोपाल स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा, 'किसान आंदोलन में किसान नेताओं को राजनीति नहीं आने देना चाहिए।'

आगे अपनी बातचीत में उमा भारती ने 30 साल पहले दिल्ली में किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत और शरद जोशी के किसान आंदोलन का हवाला देते हुए कहा, 'दोनों किसान नेताओं में तब कोई मतभेद नहीं थे लेकिन उनके समर्थकों के बीच मंच पर ही संघर्ष हो गया था। केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले दो महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे है।'

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