बिल्किस बानो की तरफ से मामले को जल्दी सूचीबद्ध करने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जी दरसल शीर्ष न्यायालय का कहना है कि इसका 'जिक्र बार-बार ना करें।' आपको बता दें कि बिल्किस बानो की तरफ से सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती दी गई है। इसी के साथ उन्होंने याचिका दायर कर नई पीठ का गठन करने और तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की है। आपको बता दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने बानो की वकील शोभा गुप्ता के सामने आपत्ति जाहिर की है। राहुल जोड़ रहे भारत, मध्यप्रदेश में टूट रही कांग्रेस? जी दरअसल वह लगातार दूसरी बेंच की तरफ से सुनवाई की मांग कर रही थीं। ऐसे में सीजेआई ने कहा, 'रिट सूचीबद्ध कर दी जाएगी। प्लीज बार-बार एक ही चीज का जिक्र नहीं करें।' उन्होंने कहा, 'यह बहुत परेशान करने वाला है।' बीते मंगलवार को मामले को लेकर सुनवाई होनी थी, हालाँकि ऐसा नहीं हो सका, क्योंकि बेंच में शामिल जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने खुद को इससे अलग कर लिया था। वहीं इसका कोई कारण नहीं बताया गया है। आपको बता दें कि गुजरात दंगों के दौरान बिल्किस बानो सामूहिक बलात्कार का शिकार हो गई थी और उनके परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी। वहीं बेंच में सीजेआई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी शामिल रहे। जी हाँ और अब इसपर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट को नई बेंच का गठन करना होगा। आपको बता दें कि बानो ने याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी कहा है कि सामूहिक तौर पर छूट की अनुमति नहीं दी जा सकती है और राहत से पहले एक-एक दोषी की अलग से जांच करनी होगी। आपको यह भी जानकारी दे दें कि गुजरात सरकार की तरफ से सभी दोषियों को माफी मिलने के बाद अगस्त में रिहा कर दिया गया था। इस मामले में मुंबई के स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने साल 2008 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जयपुर में पकड़ी गई युवक को गोली मार फरार हुई 20 साल की ‘लेडी डॉन’ शराबबंदी पर चर्चा के दौरान भड़के CM नीतीश, BJP विधायकों पर निकाला गुस्‍सा तवांग में ‘मार’ खाने के बाद घबराया चीन, तैनात किए फाइटर जेट