'चाँद की बुरी तस्वीरें जनता को मत दिखाओ..', ISRO से सपा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव की अजीब मांग

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव ने 20 सितंबर को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों से एक बेतुकी मांग कर डाली। प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने कहा कि ISRO को चंद्रमा की अनाकर्षक तस्वीरें केवल अपने शोध के लिए रखनी चाहिए और उन्हें जनता को नहीं दिखानी चाहिए, क्योंकि इससे उन लोगों के दिलों को ठेस पहुंचेगी, जो चाँद को सुंदरता के प्रतीक के रूप में देखते हैं।

सपा नेता यादव ने 'भारत की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग' विषय पर संसद में हुई चर्चा में भाग लेते हुए अपनी अजीब चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि, "हम अपने वैज्ञानिकों से अनुरोध करेंगे कि वे चंद्रमा की अनाकर्षक तस्वीरों को जनता को दिखाने के बजाय केवल अपने अध्ययन के लिए रखें।" सांसद ने आगे कहा कि, "महिलाओं के नाम शशि प्रभा या चंद्र प्रभा हैं, जबकि पुरुषों के नाम में भी चंद्र होता है, जैसे कि सुभाष चंद्र, माणिक चंद्र आदि। पुरुषों और महिलाओं दोनों के नाम में चंद्रमा का समावेश इसकी सुंदरता के कारण होता है।"

बता दें कि, यह पहली बार नहीं है कि जब भारत के मील के पत्थर के चंद्रमा मिशन के बारे में किसी भारतीय राजनेता का अजीब बयान सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक क्लिप में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पहले कहा था कि, 'मुझे याद है, जब राकेश रोशन चंद्रमा पर उतरे थे, तो इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा था कि वहां से भारत कैसा दिखता है।' निर्देशक राकेश रोशन को अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के साथ घालमेल करने के बाद, ममता ने कुछ दिनों बाद एक और गलती करते हुए कहा था कि पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने चंद्रमा का दौरा किया था। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (TMC) की युवा शाखा की रैली में कहा था कि, 'जब इंदिरा चंद्रमा पर पहुंचीं, तो उन्होंने राकेश से पूछा कि चंद्रमा से भारत कैसा दिखता है।'

 

वहीं, RJD सुप्रीमो और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि, 'अब, वैज्ञानिक बहुत प्रशंसा के पात्र हैं। लोग चंद्रयान के माध्यम से चंद्रमा पर गए। वे वहां बहुत घूमे।" लालू शायद यह भूल गए थे कि, यह मानवरहित मिशन है, कोई इंसान चाँद पर नहीं भेजा गया है। लालू यादव की ही पार्टी के शक्ति सिंह यादव ने पटना स्थित टीवी चैनल से बात करते समय कहा था कि, 'चंद्रमा पर चंद्रयान -3 की सहज और सफल लैंडिंग के लिए, NASA के वैज्ञानिकों को बधाई।' हालाँकि, NASA अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी है, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर सहित चंद्रयान-3 मिशन मॉड्यूल में से किसी की योजना या निर्माण में NASA शामिल नहीं थी। 

 

वहीं, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर भी इस गलतफहमी में थे - कि चंद्रयान -3 एक मानवयुक्त मिशन है। उन्होंने अपनी बधाई में कहा कि, 'मैं भारतीय वैज्ञानिकों को उनकी कड़ी मेहनत और शोध के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं उन्हें चंद्रयान -3 के साथ उनकी उपलब्धि पर बधाई देता हूं। एक बार जब वे कल सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट आएंगे, तो पूरे देश को उनका स्वागत करना चाहिए।' राजस्थान की कांग्रेस सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना ने भी एक गलत बयान दे डाला, उन्होंने (विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग से पहले) कहा था कि, 'अगर हम सफल होते हैं और सुरक्षित लैंडिंग करते हैं, तो मैं यात्रियों को सलाम करता हूं।' 

बता दें कि, ISRO ने 23 अगस्त को लगभग 6:04 बजे IST पर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग की क्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया और इतिहास में अपना और देश का नाम दर्ज कराया। जैसे ही विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को छुआ, भारत यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन गया। कुल मिलाकर, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ (रूस) के साथ चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग को सफलतापूर्वक पूरा करने वाली एकमात्र अन्य अंतरिक्ष शक्तियों में शामिल हो गया।

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