पूजा में ना करे टूटी हुई चीजों का प्रयोग

हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मन में सच्ची भक्ति होनी चाहिए. पर फिर भी हमारा मन कई बार पूजा-पाठ के सही या गलत विधि-विधानों में उलझ जाता है. इसलिए आज हम आपको पूजा से  जुडी कुछ ज़रूरी बातो के बारे में बताने जा रहे है .

पूजा में चावलों का प्रयोग बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.पर इस बात का हमेशा ध्यान रखे की आप जिन चावलों का प्रयोग पूजा में कर रहे है वो अखंडित हों अर्थात टूटे हुए न हों. चावल चढ़ाने से पहले अगर आप उन्हें हल्दी के घोल से पीला कर लेते हैं तो यह और भी शुभ है. कभी भी धार्मिक कार्य के लिए किसी खंडित वस्तु, जैसे टूटे दीपक आदि का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए.

शास्त्रों में बताया गया है की दिन में कम से कम पांच बार देवी-देवताओं का पूजन करना चाहिए.सुबह 5 से 6 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त में पूजन और आरती होनी चाहिए. इसके बाद प्रात: 9 से 10 बजे तक दूसरी बार का पूजन. दोपहर में तीसरी बार पूजन करना चाहिए. इस पूजन के बाद पूजा घर को बंद कर देना चाहिए क्योकि ये समय भगवान् के सोने का होता है.शाम के समय चार-पांच बजे पुन: पूजन और आरती. रात को 8-9 बजे शयन आरती करनी चाहिए.जिस घर में पुरे नियम और श्रद्धा से पांच बार पूजन किया जाता है, वहां सभी देवी-देवताओं का वास होता है और ऐसे घरों में धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती है.

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