इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर में गुरुवार शाम को एक दिलदहला देने वाली बस दुर्घटना हुई थी जिसमें चार बच्चों सहित पांच मौत हो गई है ये हादसा दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) की बस कास्टीयरिंग फेल होने की वजह से हुआ था. जिसके बाद शासन-प्रशासन हरकत में आ और शनिवार देर रात पुलिस ने डीपीएस परिसर पर छापा मारा. पुलिस ने यहां से 68 बसों के दस्तावेज जब्त किए हैं. पुलिस ने स्पीड गवर्नर लगाने वाली कंपनी के दो दफ्तर सील करते हुए स्कूल के ट्रांसपोर्ट मैनेजर, कंपनी के संचालक और कर्मचारी को गैरइरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. उधर, गृहमंत्री के आदेश के बाद पुलिस ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री, पुलिस मुख्यालय और गृहमंत्री को भेजी, जिसमें हादसा होने का कारण स्टीयरिंग फेल होना नूहीं, बल्कि तेज रफ्तार बताया गया है.एएसपी प्रशांत चौबे के मुताबिक जांच में शामिल विशेषज्ञ और एमटीओ टीम ने बताया कि घटना के वक्त बस की स्पीड 70 किमी/घंटा से अधिक थी। इस कारण बस बेकाबू होकर डिवाइडर से टकराई और दूसरी लेन में चली गई. स्टीयरिंग फेल होता तो टायर और रॉड पर असर होता, जबकि स्टीयरिंग और रॉड टूटी हुई है. यह टक्कर के बाद टूटी थी. स्कूल की ट्रांसपोर्ट शाखा में रातभर छानबीन, दस्तावेज बरामद करने के बाद डीआईजी ने शनिवार को मामले की केस डायरी कनाड़िया थाने से लसूड़िया टीआई राजेंद्र सोनी को ट्रांसफर कर दी. इसके बाद देर रात पुलिस गिरफ्तार आरोपियों को लेकर स्कूल पहुंची है और स्कूल की ट्रांसपोर्ट शाखा में छापा मारा. आरोपियों ने पूछताछ में बताया सुविधा ऑटो गैस के पास स्पीड गवर्नर बनाने वाली तीन-चार कंपनियों की डीलरशिप है. दुर्घटनाग्रस्त बस में उसने रोजमार्टा कंपनी के स्पीड गवर्नर का फर्जी प्रमाण पत्र जारी किया था. टीम ने देर रात निपानिया स्थित डीपीएस, तीन इमली स्थित सुविधा ऑटो गैस इंडिया के दफ्तर और गीता भवन स्थित एक अन्य स्पीड गवर्नर कंपनी के ऑफिस में छापा मारा. आरोपियों ने बताया कि एक हजार रुपए में वे बसों में स्पीड गवर्नर का प्रमाण-पत्र जारी कर देते थे, जबकि 1800 रुपए लेकर फिटनेस प्रमाणपत्र दे देते थे. इंदौर में हुए दर्दनाक हादसे का जिम्मेदार कौन? स्कूल बसों की स्पीड पर लगेगा ब्रेक