रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 3 दिवसीय दौरे पर झारखंड आईं, जहाँ उन्होंने सबसे पहले 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम में पूजा अर्चना की। मंदिर के पुरोहितों ने पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करवाई। इस के चलते द्रौपदी मुर्मू के साथ उनकी बेटी भी थीं। इससे संबंधित एक फोटो भी सामने आई है जिसमें राष्ट्रपति मंदिर के गर्भगृह में परिवार के साथ आसन लगाकर बैठी हैं तथा पुरोहित उन्हें विधि-विधान से पूजा करवा रहे हैं। गौरतलब है कि 3 दिवसीय दौरे पर झारखंड आईं राष्ट्रपति दिल्ली से सीधा देवघर ही पहुंची थीं जहां केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री और पुलिस अधीक्षक ने हवाईअड्डे पर उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पक्की शिवभक्त हैं। जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए NDA ने उनको उम्मीदवार बनाया था तो ओडिशा स्थित उनके पैतृक गांव में रिश्तेदारों ने मीडिया को द्रौपदी मुर्मू के शिवभक्त हो जाने की पूरी कहानी सुनाई थी। परिवार वालों का कहना था कि वैसे तो द्रौपदी मुर्मू धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं मगर 2010 से 2014 के बीच एक के पश्चात् एक 3 झंझावातों ने उनके जीवन की दशा बदल दी। वह ऐसा वक़्त था जबकि द्रौपदी मुर्मू गहरे अवसाद में चली गई थीं। दरअसल इन 4 सालों में द्रौपदी मुर्मू ने अपने पति और 2 जवान बेटों को खो दिया था। राष्ट्रपति की भाभी शाक्यमुनि ने बताया था कि बड़े बेटे लक्ष्मण मुर्मू की मौत के पश्चात् द्रौपदी मुर्मू 6 महीने तक गहरे तनाव में चली गई थीं। उनको संभालना बहुत कठिन हो रहा था। तभी वह रिश्तेदारों की सलाह पर रायरंगपुर स्थित ब्रह्मकुमारी संस्थान के संपर्क में आईं। नियमित तौर पर आश्रम में जाना आरम्भ किया तथा तनाव से लड़ने के लिए आध्यात्म का सहारा लिया। कहा जाता है कि शिवभक्ति ने द्रौपदी मुर्मू को बेटे की मृत्यु के पश्चात् तनाव से उबरने में बहुत सहायता की। वही 3 दिवसीय दौरे पर झारखंड पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी। 'पत्नी ने दांत से काट लिया गुप्तांग, मुझे बचाओ उससे', पति ने SP से लगाई मदद की गुहार FACT CHECK: उत्तराखंड के हरिद्वार में मुस्लिम बेच रहा था मांस मिला हुआ खाना, जानिए क्या है सच्चाई अन्धविश्वास ने ली 14 वर्षीय बच्चे की जान, हैरान कर देने वाला है मामला