भुवनेश्वर: भारत ने रविवार की रात उड़ीसा के तट पर इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण कर नई और बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत ने दो स्तरीय बैलेस्टिक मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित कर पूरी दुनिया को चौंका दिया है. DRDO GTRE भर्ती 2018: 150 रिक्त पदों पर ऐसे करे आवेदन सूत्रों के अनुसार इस मिसाइल का परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप यानि व्हीलर आइलैंड से रविवार रात तकरीबन 08:30 बजे शुरू किया गया. डीआरडीओ के वैज्ञानिक ने बताय कि इस मिशन के लक्ष्य को 50 किलोमीटर ऊपर वायुमण्डल में रखा गया था जिसे सफलतापूर्वक भेद लिया गया. इस मिसाइल सिस्टम की सबसे ख़ास बात यह है कि राडार आधारित जासूसी प्रणाली से दुश्मन का पीछा भी करने के साथ-साथ दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइल का आसानी से पता लगा सकता है. परीक्षण के दौरान इन सब बातों पर गौर किया गया जिनकी रियल टाइम निगरानी होती रही. जहां तक कोई नहीं पहुँच पाया, चन्द्रमा की उस सतह पर उतरेगा भारत का चन्द्रयान-२ इंटरसेप्टर मिसाइल का यह दूसरा और अंतिम चरण का परीक्षण था इससे पहले 11 फरवरी 2017 में भी सफल परीक्षण किया गया था. डीआरडीओ द्वारा विजिट किया गया यह मिसाइल डिफेन्स सिस्टम इस दिशा में भारत के सुनहरे भविष्य की तरफ इशारा करता है. ख़बरें और भी पीएम मोदी के जन्मदिन पर इसरो ने दिया पुरे देश को यह तोहफा स्पेस-एक्स कराएगी अंतरिक्ष की सैर ब्रिटेन के दो उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा इसरो