उज्जैन। भूत भावन भगवान महाकाल मंदिर में मनाई जा रही शिवनवरात्रि के दूसरे दिन शुक्रवार के राजाधिराज शेष नाग के रूप में सजे तो वहीं भक्तों की भी कतार दर्शन करने के लिये सुबह से ही मंदिर में लगी। दर्शनार्थियों के मंदिर पहुंचने का सिलसिला शयन आरती तक सतत जारी रहा। बाबा महाकाल के आंगन में शिव नवरात्रि का उल्लास छाया हुआ है। दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह ग्यारह पंडितों ने पंचामृत अभिषेक कर महाकाल को चंदन लेपन किया और फिर रूद्राभिषेक का आह्वान कर पूजन अर्चन संपन्न की। इसके पहले कोटश्वर तीर्थ, चंद्र मौलेश्वर पर भी पूजन अर्चन कर अभिषेक किया गया। शेष नाग के रूप में दर्शन कर श्रद्धालु अभिभूत हो गये। अंदर प्रवेश है बंद फिर भी........ इधर शुक्रवार को सुबह से जहां गर्भ गृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहा तो वहीं दोपहर के बाद भी श्रद्धालुओं को प्रवेश इसलिये नहीं दिया गया क्योंकि मंदिर के पंडे पुजारियों द्वारा राजाधिराज का मनोहारी श्रृंगार करना प्रारंभ कर दिया गया था। हालांकि यह मंदिर प्रशासन की व्यवस्था थी, लेकिन बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की नाराजगी इस बात की रही कि उन्हें दर्शन लाभ ठीक ढंग से नहीं मिल सका। जानकारी मिली है कि भले ही गर्भ गृह में सामान्य दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद किया गया था लेकिन इसके बाद भी कतिपय पंडे पुजारियों द्वारा अपने यजमानों को अंदर ले जाकर जलाभिषेक आदि संपन्न कराया गया। दूल्हा बने भूत भावन महाकाल.....सुंगध से महका गर्भग्रह शिवनवरात्रि में करें महाकाल के दर्शन तो मिले समृद्धि