दिल्ली में अब चलेंगी चालक रहित मेट्रो ट्रेनें, फुलप्रूफ सुरक्षित

नई दिल्ली : ड्राइवर रहित मेट्रो ट्रेन चलाने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बीजेपी नेता एम वैंकेया नायडू साथ आए है। दोनों ने मिलकर मुकंदपुर-मजलिस मेट्री ट्रेन को ट्रायल के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अपने संबोधन में नायडू और केजरीवाल ने कहा कि मेट्रो, शहर में यातायात और प्रदूषण संबंधी चिंताओं का बेहतर जवाब है।

बता दें कि पूरी तरह से इसे 2016 से कार्यांवित किया जाएगा। शुरुआत में एहतियात के तौर पर ड्राइवर भी मेट्रो में मौजूद रहेंगे। अगर सब कुछ सही रहा तो ट्रेनें ड्राइवर के बिना चलाई जाएंगी। दिल्ली मेट्रो के एमडी मंगू सिंह ने कहा कि दिसंबर में इसके ट्रायल का थर्ड फेज पूरा होने के बाद चालक के बिना ही ट्रेनें चलाई जाएंगी। इनकी मॉनिटरिंग की जाएगी औऱ पूरा रास्ता तय करने के बाद ट्रेनों को डिपो में लगा दिया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, चालक रहित ट्रेनों में 4-5 प्रतिशत अधिक यात्री सफर कर पाएंगे और बिजली की खपत में भी 33 प्रतिशत तक की कमी आएगी। यदि इसे सबकुछ रहने के बाद कार्यांवित किया गया, तो यह यात्रियों के साथ-साथ दिल्ली मेट्रो के लिए भी फायदे का सौदा होगा।

शुरुआत के लिए दिल्ली मेट्रो ने कुल 81 चालक रहित ट्रेनें खरीदी है, जिसमें हर कोच में 380 यात्री सफर कर सकते है। ट्रेन में यात्रियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। हर कोच में एलसीडी स्क्रीन लगी हैं, जिसमें यात्रियों को स्टेशन की जानकारी दी जाएगी।

हर कोच की हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग सॉकेट लगे हैं। इशमें सुरक्षा का भी भरपूर ख्याल रखा गया है। मेट्रो प्रशासन की मानें तो चालक रहित ट्रेनें चालक वाली ट्रेनों से अधिक सुरक्षित है। दुनिया के कई देशों में ऑटोमेटिक मेट्रो ट्रेनें चलाई जा रही है, लेकिन देश में पहली बार इसे दिल्ली में चलाया जाएगा।

पहली बार ऑटोमेटिक ट्रेन 1961 में न्यूयॉर्क में चलाई गई थी। स्टडी के मुताबिक पूरी तरह से ऑटोमेटिक ट्रेनें चलाने का खर्च सामान्य ट्रेनें चलाने से 70 फीसदी तक कम होता है। स्टडी में यह दावा भी किया गया है कि पूरी तरह से ऑटोमेटिक ट्रेनें सामान्य ट्रेनों के मुकाबले 10 से 15 फीसदी ज्यादा मुनाफा देती हैं।

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