जम्मू कश्मीर। जम्मू कश्मीर राज्य में अब भारतीय सुरक्षा बल पाकिस्तान और सीमा पार से होने वाली आतंकियों की गतिविधियों की मैपिंग आसानी से कर सकेंगे। इसके लिए भारत, भारतीय नेत्रा 7 ड्रोन के अलावा इजरायल, हेरोन, अमेरिकी ड्रोन की तादाद में बढ़ोतरी करने जा रहा है। इजरायल हेरोन सीमा क्षेत्र में 50 से 60 किलोमीटर के क्षेत्र में दुश्मन की गतिवधियों की मैपिंग की जा सकेगी। ऐसे में सर्जिकल स्ट्राइक जैसे आपरेशन के पहले की तैयारियों में यह ड्रोन अहम साबित हो सकता है। जानकारी सामने आई है कि, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी द्वारा पर्याप्त तादाद में ड्रोन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। ड्रोन की निगरानी से नक्सल एरिया में भी, पैट्रोलिंग के स्थान पर ड्रोन के माध्यम से निगरानी रखी जा सकेगी। इस मामले में, सीमा सुरक्षा बल के पूर्व एडीजी पीके मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि, इजरायली ड्रोन काफी ऊंचाई पर पहुंचकर, सीमा पार दुश्मन की हलचल की मैपिंग कर सकता है। हालांकि नेत्रा 7 का उपयोग फील्ड ड्यूटी में नियुक्त बटालियन के लिए बेहतर है। काफी दुर्गम क्षेत्रों में और पहाड़ों पर जो सैनिक तैनात होते हैं, उनके लिए ड्रोन मददगार हो सकते हैं, इसके अलावा जम्मू कश्मीर के सीमा क्षेत्र में ऐसी कई पोस्ट है, जहां आतंकी हमले और पाकिस्तान द्वारा सीज़फायर का खतरा अधिक रहता है, ऐसे में इन क्षेत्रों में काफी दूरी से ही दुश्मन की जानकारी मिल सकेगी। हेरोन के माध्यम से सीमा क्षेत्र की सुरक्षा अपेक्षाकृत अधिक मजबूती से की जा सकेगी। पीओके में यदि, कोई आतंकी कैंप संचालित हो रहा है तो उसकी हलचल इसके माध्यम से सेना व सुरक्षा बलों को मिल सकती है। ड्रोन्स के जरिए सामान डिलीवरी की तैयारी सशस्त्र ड्रोन पर पाकिस्‍तान ने जताया विरोध अब फोन उड़ेगा भी और एक इशारे पर जायेगा चार्ज होने