लखनऊ: जहा एक ओर देश के अधिकांश हिस्से भीषण बारिश, बाढ़, और भूस्खलन से परेशान है और अतिवृष्टि से जान जीवन बेहाल है. वही उत्तर प्रदेश में कई जिले भयंकर सूखे की मार झेल रहे है. आधी से ज्यादा जुलाई बीत जाने के बाद भी इस सुबो में 5 फीसदी से भी कम वर्षा हुई है. चित्रकूट, मऊ, चंदौली, वाराणसी, पीलीभीत, महराजगंज, संतकबीरनगर, रायबरेली, जालौन, रामपुर, बस्ती, कुशीनगर, ललितपुर, गाजीपुर, बदायूं, इटावा, देवरिया, आजमगढ़, जौनपुर, अमरोहा, कानपुर देहात, महोबा, बलिया, गौतमबुद्धनगर, फतेहपुर, औरेया, कौशांबी, गाजियाबाद, कासगंज, मैनपुरी, मिर्जापुर, इलाहाबाद, हमीरपुर, सीतापुर, अमेठी, अलीगढ़, संत रविदासनगर, सोनभद्र, बांदा, झांसी, बरेली, गोंडा, फिरोजाबाद, हापुड़, बिजनौर, संभल, फैजाबाद, लखनऊ, हरदोई, मेरठ, मुरादाबाद, शामली बुलंदशहर, उन्नाव, कानपुर नगर, प्रतापगढ़ में हालात यह है कि कही 40 फीसदी तो कही इससे भी कम बारिश हुई है. मप्र में भारी बारिश की चेतावनी प्रदेश में खरीफ की फसल पिछड़ जाने से किसानों का हाल बुरा है. बुंदेलखंड के चित्रकूट, पूर्वांचल में चंदौली, कुशीनगर और पश्चिम उत्तर प्रदेश में मैनपुरी, कासगंज, गाजियाबाद तो बारिश की बौछर भी नहीं पड़ी है. कुल 56 जिले सूखे की मार झेल रहे है. अभी तक महज 37 फीसदी जमीन पर फसल बोई गई है और वह भी पानी के अभाव में दम तोड़ रही है. विभाग 31 जुलाई तक इंतजार के बाद अंतिम रिपोर्ट बनाकर कार्यवाई करेगा. यहाँ भी देखे - केरल में जलप्रलय 3500 लोग बेघर गुजरात जलमग्न, पीएम का दौरा टला