हैदराबाद: पेरेंट्स ने पहले बच्चों के खिलाफ शिकायत की थी कि वे सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं और स्मार्टफोन पर घंटों समय गंवा रहे हैं लेकिन अब उन्हें एक नया मुद्दा परेशान कर रहा है। जानकारी के अनुसार बता दें कि ड्रग माफिया अब अधिकतर इंजीनियरिंग कॉलेज को टारगेट कर रहे हैं। बता दें कि यह व्हाट्स ऐप के जरिए Stuff, Dham, 2000 Green जैसे कोड्स के जरिए हो रहा है। मद्रास हाईकोर्ट ने रिटायरमेंट के समय सैनिक के जम्मू-कश्मीर ट्रांसफर पर लगाई रोक इसके साथ ही बता दें कि एक्साइज एंड प्रोहिबिशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने जानकारी निकाली है कि माफिया और युवाओं के बीच में संपर्क करने में व्हाट्स ऐप महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि ये गतिविधियां ईसीआईएव क्रॉसरोड्स, नाचरम, मालापुर और अन्य इलाकों में बढ़ रही है। सुरक्षाबलों के खिलाफ हो रहे आतंकी हमले, गृहमंत्रालय की रिपोर्ट में हुआ खुलासा इसके साथ ही इन अधिकारियों द्वारा दी गई डिटेल्स के अनुसार अगर कस्टमर कोड वर्ड stuff टाइप करता है तो ड्रग डीलर समझता है कि उस व्यक्ति को ड्रग की जरूरत है। तब वह सुरक्षित स्थानों की जानकारी लेता है जहां ड्रग्स डिलीवर की जा सके। यह पता चला है कि ड्रग डीलर 10 ग्राम की ड्रग की सप्लाई 500 रुपए में करता है। खबरें और भी दो खालिस्तान समर्थकों को महाराष्ट्र एटीएस ने किया गिरफ्तार दिल्ली में घुटने लगा दम, समग्र वायु गुणवत्ता 404 दर्ज किया गया संत गोपालदास की माँ ने सरकार पर लगाये गंभीर आरोप