बेंगलुरु: बेंगलुरु का ड्रग स्कैंडल कई ट्विस्ट और टर्न ले रहा है. दवा के मामले में एक्ट्रेस रागिनी द्विवेदी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इनमें रियल एस्टेट डेवलपर आदित्य अल्वा, दिवंगत जनता दल के मंत्री जीवराज अल्वा के बेटे और बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय के brother-in-law भी शामिल हैं . केंद्रीय अपराध शाखा में छपी खबरों में कहा गया है कि इस साल अगस्त में उन्हें सूचना मिलने के बाद यह पूरा मामला सामने आया कि आंध्र प्रदेश से बेंगलुरु पहुंचने वाले 204 किलो के मारिजुआना कर्नाटक के एक राजनेता से जुड़ा हुआ है. " जिस व्यक्ति ने हमें इत्तला दी, उसने यह भी कहा कि राजनेता फिल्म इंडस्ट्री में नशाखोरी का पर्दाफाश करना चाहते हैं. सीसीबी के एक वरिष्ठ सूत्र के हवाले से कहा गया, हम अभी भी कनेक्शन की जांच कर रहे हैं . जहां सीसीबी ड्रग केस को सुलझाने की कोशिश कर रहा था, वहीं अगस्त के अंत में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने अनिखा डी को गिरफ्तार किया और उसके आवास से एमडीएमए की गोलियां जब्त कीं . एनसीबी ने कथित तौर पर रागिनी द्विवेदी का नाम मोबाइल फोन की संपर्कों की सूची में पाया था. इस मामले में तीन पक्ष शामिल थे-शिवप्रकाश, रागिनी द्विवेदी और रविशंकर . सीसीबी के साथ सूत्रों ने बताया कि शिवप्रकाश और रागिनी बेंगलुरु के बाहरी इलाके में विभिन्न फार्महाउसों में आयोजित निजी पार्टियों में शामिल हुए . ये पार्टियां निजी थीं और केवल निमंत्रण वाले लोगों को ही इसमें शामिल होने की अनुमति दी गई थी . सीसीबी सूत्रों ने बताया कि रविशंकर ने दो साल पहले कथित तौर पर रागिनी को रईस पार्टी प्लानर वीरेन खन्ना से मिलवाया था. शिक्षक दिवस पर वाणी कपूर ने इन लोगों को किया याद एनसीबी की प्रेस कॉन्फ्रेंस, सामने आई कई बड़ी बातें मोबाइल ने किया रिया का पर्दाफाश, ड्रग्स लेने के अलावा करती थी ये काम