पुणे: महाराष्ट्र के पुणे से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ 22 वर्षीय इंजीनियरिंग स्टूडेंट भाग्यश्री सुडे का क़त्ल कर दिया गया था। इस घटना को लेकर पुलिस ने बताया कि स्टूडेंट का क़त्ल सोचा समझा षड्यंत्र था। अपराधियों ने पहले उसका अपहरण किया था। फिर उसे मारने की योजना बनाई। क़त्ल के पश्चात् शव को ठिकाने लगाने के लिए एक गड्ढा भी खोदा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने बताया कि स्टूडेंट की हत्या के पीछे 3 अपराधी थी। जो कर्ज में डूबे थे। तहकीकात में सामने आया है कि अपराधियों को कर्ज चुकाने के लिए पैसों की आवश्यकता थी। इसलिए उन्होंने छात्रा को किडनैप करने एवं उसके माता-पिता से फिरौती वसूलने की योजना बनाई। तहकीकात में पता चला कि इस घटना के मुख्य अपराधी शिवम फुलावले ने शेयर मार्केट में बहुत पैसा गंवा दिया था। वह कर्ज में डूब चुका था। वहीं अन्य अपराधी ने ऑनलाइन रमी में काफी पैसा गंवा दिया था। मुख्य आरोपी शिवम फुलावले मृतक छात्रा का कॉलेज फ्रेंड था। शिवम ने सुरेश इंदुरे एवं सागर जाधव के साथ मिलकर 30 मार्च को पुणे के विमान नगर क्षेत्र से छात्रा का अपहरण कर लिया था। अपहरण के कुछ ही घंटों के अंदर छात्रा की मौत हो गई थी। अपराधियों ने उसके मुंह और नाक पर टेप लगा दिया था। पुलिस का कहना है कि जब छात्रा ने विरोध किया तो अपराधियों में से एक ने छात्रा का मुंह बंद कर दिया था, जिसके कारण उसकी मौत हुई। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि मृतक छात्रा एवं मुख्य आरोपी शिवम फुलावले दोनों मध्य महाराष्ट्र के लातूर के रहने वाले हैं और एक ही कॉलेज में थे। फुलावाले ने शेयर बाजार में अच्छी खासी रकम गंवा दी थी। वहीं एक अन्य आरोपी ऑनलाइन रमी खेलने का आदी था, जिसमें वह बहुत पैसे गंवा चुका था। दोनों कर्ज में डूब गए थे। इंजीनियरिंग छात्रा के पिता एक सहकारी संस्था के डायरेक्टर हैं। अपराधी को लगा कि उसका परिवार अमीर है। इसलिए अपराधी ने फिरौती के लिए छात्रा का अपहरण करने का षड्यंत्र रचा। अपहरण के बाद अपराधियों ने तय कर लिया था कि वे छात्रा को मार डालेंगे। अपराधियों ने पहले ही शव को ठिकाने लगाने के लिए अहमदनगर के बाहरी क्षेत्र कमरगांव के पास एक गड्ढा खोद लिया था। आरोपी पहले फिरौती वसूलना चाहते थे, मगर उससे पहले ही छात्रा की मौत हो गई। आयुक्त ने बताया कि अपराधियों ने तय कर लिया था कि परिवार से पैसे वसूलने के बाद वे छात्रा की हत्या कर देंगे। जब नाक और मुंह बंद होने के कारण छात्रा की मौत हो गई तो आरोपी उसके शव को कमरगांव ले गए तथा पेट्रोल डालकर आग लगा दी। जब शव आधा जल गया तो उसे पहले से तैयार गड्ढे में दफना दिया। तत्पश्चात, तीनों अपराधियों ने छात्रा के मोबाइल से उसके माता-पिता को कॉल किया तथा 9 लाख रुपये की मांग की। अपराधियों ने छात्रा के ही बैंक अकाउंट में पैसे जमा करने को कहा, क्योंकि अपराधियों ने छात्रा का डेबिट कार्ड एवं अकाउंट डिटेल ले रखी थी। फिर 2 अप्रैल को छात्रा के परिजनों ने पुलिस से गुमशुदगी की शिकायत की। उनके फोन पर फिरौती का कॉल आया तो अपराध शाखा ने मामले की तहकीकात आरम्भ की। पुलिस ने टेक्निकल टीम की सहायता से अपराधियों की लोकेशन का पता लगाया। आरोपी लातूर चले गए थे तथा एक लॉज में रुके थे। फिर वे रायगढ़ के खोपोली चले गए, फिर वहां से मुंबई गए। इनमें से एक आरोपी फिर पुणे आया। अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने छात्रा के माता पिता से कहा कि वे थोड़े से पैसे छात्रा के खाते में जमा करें, क्योंकि इसके बाद आरोपी पैसे निकालने के लिए ATM पर अवश्य जाएंगे। फिर पुलिस ने 7 अप्रैल को अपराधियों को पकड़ लिया। पुलिस ने बताया कि अपराधियों ने जुर्म कबूल कर लिया है। अपराधियों ने वह जगह भी दिखाई, जहां शव दफनाया गया था। छात्रा के क़त्ल के बाद अपराधियों ने उसके आभूषण उतार लिए थे तथा मुंबई में बेच दिए। पुलिस ये पता लगा रही है कि आभूषण कहां बेचे थे। अपराधियों ने इस घटना को लेकर एक सेल्फ-ड्राइव कार एजेंसी से किराए पर ली थी। उसे जब्त कर लिया गया है। इस पूरे मामले को लेकर पुलिस स्पीडी ट्रॉयल एवं अधिकतम सजा के लिए वकील उज्ज्वल निकम से सलाह लेगी, जो कई हाई-प्रोफाइल मामलों में स्पेशल प्रॉसीक्यूटर के रूप में रहे हैं। मीडिया, नेता-अभिनेता..! दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को बचाने में सब लगे थे, कोर्ट में दिखाई गई व्हाट्सएप चैट ओवैसी भाजपा की B टीम है, लेकिन हम उनके खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे ! हैदराबाद में ओवैसी का समर्थन करेगी कांग्रेस ? गर्लफ्रेंड के नए बॉयफ्रेंड को रास्ते से हटाने के लिए सनकी आशिक ने उठा लिया ये खौफनाक कदम