नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान 19 अप्रैल शुक्रवार को हो गया है. इस के चलते अलग-अलग प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान हुआ. इस बीच नगालैंड के 6 पूर्वी जिलों में एक भी वोट नहीं डाला गया है. यहां मतदान कर्मी बूथों पर 9 घंटे तक प्रतीक्षा करते रहे, किन्तु अपनी सीमांत नगालैंड क्षेत्र (एफएनटी) की मांग पर दबाव बनाने के लिए एक संगठन द्वारा किए गए बंद के आह्वान के पश्चात् क्षेत्र के 4 लाख मतदाताओं में से एक भी वोट देने नहीं आया. प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, सीएम नेफ्यू रियो ने शुक्रवार को पुष्टि की कि राज्य सरकार को ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) की एफएनटी की मांग से कोई परेशानी नहीं है क्योंकि वह पहले ही इस क्षेत्र के लिए स्वायत्त शक्तियों की सिफारिश कर चुकी है. ईएनपीओ पूर्वी क्षेत्र के सात आदिवासी संगठनों का शीर्ष निकाय है. अफसरों ने बताया कि जिला प्रशासन एवं अन्य आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर पूर्वी नगालैंड की प्रमुख सड़कों पर लोगों या वाहनों की कोई आवाजाही नहीं है. नगालैंड के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अफसर आवा लोरिंग ने बताया कि क्षेत्र के 738 मतदान केंद्रों पर प्रातः 7 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान कर्मी उपस्थित थे, जिसमें 20 विधानसभा क्षेत्र सम्मिलित हैं. सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि नौ घंटों में कोई भी वोट डालने नहीं आया. इतना ही नहीं, 20 विधायकों ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया. नगालैंड के 13.25 लाख मतदाताओं में से पूर्वी नगालैंड के छह जिलों में 4,00,632 मतदाता हैं. पंजाब के संगरूर जिला जेल में कैदियों के बीच हुई खूनी झड़प, 2 की मौत सगाई के कार्यक्रम में AC में हुआ विस्फोट, 2 मैरिज गार्डन में लगी भयंकर आग दोस्त ही बन गए हैवान, रूह कंपा देगा ये मामला