कोरोना वायरस महामारी के कारण से निजी वाहनों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है, जबकि शेयर परिवहन से लोग दूरी बना रहे हैं। वाहन कलपुर्जा क्षेत्र की कंपनी मदरनसन सूमी सिस्टम्स लि. के चेयरमैन विवेक चंद सहगल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही महामारी के चलते 'इलेक्ट्रिक' वाहनों को लेकर जो रोमांच था, वह भी धूमिल पड़ता हा रहा है। उन्होंने इस मामले में चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों का उदाहरण दिया। सहगल ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से लागू अंकुश हटने के उपरांत इन देशों में निजी वाहनों की मांग में जोरदार इजाफा हुआ है। उन्होंने भरोसा जताया कि देश के परंपरागत वाहन उद्योग का भविष्य काफी उज्ज्वल है। सहगल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''एक चीज स्पष्ट है कि कोविड-19 की वजह से रोजाना इस्तेमाल के लिए निजी वाहनों का महत्व बढ़ा है। साझा वाहनों को कभी भविष्य का परिवहन बताया जा रहा था, लेकिन अब ऐसी बात नहीं रह गई है।'' उन्होंने कहा, ''अर्थव्यवस्थाओं के खुलने के बाद व्यक्तिगत या निजी वाहनों की मांग 'काफी-काफी मजबूत है।'' हमने चीन में देखा है, वहां मांग काफी तेजी से सुधरी है। जापान और दक्षिण कोरिया में भी ऐसा ही हुआ है। महामारी के वाहन उद्योग पर प्रभाव के बारे में सहगल ने कहा, ''मुझे लगता है कि कम से कम अगले दो साल के लिए चीजें काफी स्पष्ट हो गई हैं।'' उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह रोमांच की भविष्य इलेक्ट्रिक कारों का होगा, भी ठंडा पड़ा है। दुनिया में एक बार में 1.4 अरब कारों को बदलना एक बहुत बड़ा काम है। अमित शाह का ओवैसी पर वॉर- एक बार लिखकर दें, मैं बाहर निकालता हूं 'काले कृषि कानूनों को सही बताने वाले क्या खाक हल निकालेंगे?' : राहुल गांधी कोरोना के कारण पर्यटन इलाकों में घटी पर्यटकों की मात्रा यूपी में कल जगमगाएंगे 15 लाख दीये, क्रूज से छटा निहारेंगे प्रधानमंत्री मोदी