डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने अभी हाल ही में रक्षा क्षेत्रों में 101 उत्पादों के आयात को पूरी प्रकार से अवरुद्ध करने का कदम उठाया है. जिससे पीएम की ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अभियान को मजबूती मिल सके, तथा स्वदेशी उत्पादों को विश्व की चौथी सबसे बड़ी भारतीय सेना में सम्मिलित किया जा सके. हालांकि कुछ यंत्रों को छोड़ कर बहुत संख्या में स्वदेश में बने रक्षा उत्पादों को वरियता दी जा रही है. वही हमारे देश की सेना तथा केंद्रीय सुरक्षा बल पूर्व ही सड़क परिवहन के लिए स्वदेश में बनी गाड़ियों का उपयोग कर रहे हैं, इनमें जंगी वाहन तथा लॉजिस्टिक्स भी सम्मिलित है. बता दे की टाटा इन गाड़ियों को विशेष रूप से सेना के लिए बना रही है. मारुति जिप्सी की पश्चात् टाटा मर्लिन तथा टाटा सफारी ने भारतीय सेना में स्थान बनाया है. मर्लिन की छत पर 7.6 एमएम की मीडियम मशीनगन तथा 40 एमएम का ऑटोमैटिक ग्रेनेड लॉन्चर लगा है. साथ ही यह सरलता से फौजी दस्तों को लाने ले जाने के साथ सप्लाई में भी सहायता करती है. मर्लिन दोनों ओर तथा पीछे से STANAG 4569 लेवल-1 सुरक्षा देती है, जो नाटो के STANAG 4569 लेवल-1 स्टैंडर्ड्स में सबसे अधिक है. टाटा मर्लिन में 3.3-लीटर का लिक्विड कूल डायरेक्ट इंजेक्शन इंजन दिया गया है. जो 3,200 आरपीएम पर 185 बीएचपी तथा 2,400 आरपीएम पर 450 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है. इसी के साथ यह आत्मनिर्भर भारत के अभियान को बल प्रदान करेगा, तथा इस सहायता से काफी हद तक मज़बूरी प्राप्त होगी. अब एक क्लिक में बुक कर पाएंगे सर्विसिंग से लेकर टेस्ट ड्राइव, Audi India ने लॉन्च किया ऐप इस वाहन निर्माता कंपनी ने कोरोना वॉरियर्स को किया सलाम Triumph Street Triple R भारत में हुई लॉन्च, जानें कीमत